रायपुर। आस्था के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर छत्तीसगढ़़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार तड़़के खारून नदी के तट पर दीप जलाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नदी में गुलाटी मारकर डुबकी लगाई। स्नान के बाद मुख्यमंत्री ने दीपदान किया। इसके बाद हटकेश्वर महादेव मंदिर में महादेव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद उन्होंने पुन्नी मेले से जुड़ी परपंरा को बताया। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा में 15 दिन तक सूर्योदय से पहले स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद दीप जलाकर हटकेश्वरनाथ की पूजा अर्चना की जाती है।मुख्यमंत्री के साथ रायपुर पश्चिम के विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, महापौर एजाज ढेबर और महंत रामसुंदर दास भी पहुंचे।
सीएम ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि स्कूल-कॉलेज के जमाने में नदी और तालाबों में वे डुबकी लगाया करते थे। भले इस समय रोजाना डुबकी ना लगाएं, लेकिन पुराना अनुभव कहीं ना कहीं काम आता है। उन्होंने कहा, हर साल कार्तिक स्नान को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह रहता है। खास तौर पर बच्चों में। स्नान के बाद बच्चे थाली सजा कर शिव मंदिर कार्तिक पूर्णिमा में जाते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हटकेश्वर नाथ महादेव मंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि ऐसी मान्यता है कि 600 साल पहले राजा ब्रह्म देव ने हटकेश्वर नाथ महादेव से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी थी। मन्नत पूरी होने पर 1428 में खारून नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजा ने अपनी प्रजा को भोज के लिए आमंत्रित किया। हवन-पूजन यज्ञ के बाद ग्रामीणों ने खेल-तमाशे का आनंद लेते हुए भोजन ग्रहण किया। इसके बाद से हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजा ग्रामीणों को आमंत्रित करते थे। कालांतर में यह परंपरा मेले के रूप में परिवर्तित हो गई, जिसे पुन्नी मेले के नाम से जाना गया।