काशी के घाटों पर दिखेगा ‘देवलोक’ का नजारा

पीएम मोदी काशीवासियों को देंगे कई सौगात
दुल्हन की तरह सज-धजकर तैयार हुई काशी

देव दीपावली काशी क्षेत्र का अनोखा जलउत्सव है। जहां दीपों की अनगिन लड़ियों से मां गंगा का ही श्रृंगार नहीं होता अपितु सरोवर और अन्य जल स्रोत भी इस दौरान प्रकाशित होते हैं। वहीं 84 घाटों की अर्धचंद्राकार श्रृंखला हार सरीखी पर जगमग दीपक और मां गंगा की महाआरती का मध्यस्थल दशाश्वमेध घाट चंद्रहार के बीच में दिव्य प्रकाश के बीच में लॉकेट सरीखा नदी के मध्य से नजर आएगा।

सुरेश गांधी

वाराणसी। ..कहा जाता है कि वामन अवतार लेने के बाद जब नारायण स्वर्गलोक पहुंचे तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। देवताओं ने हरि का वैसा ही अभिनंदन किया जैसा कि अयोध्या लौटने पर श्रीराम का हुआ था। जिस दिन भगवान विष्णु स्वर्गलोक पहुंचे व भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध कर आम जनमानस को अत्याचार से मुक्ति दिलाई वो कार्तिक पूर्णिमा का ही दिन था। वो दिन आज भी देवदीपावली के रूप में मनाया जाता है। भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में देव दीपावली मनाने का बिल्कुल अनोखा अंदाज हैं। घाट की सीढ़ियों पर टिमटिमाते दिये और आसमान में चमकते तारों के साथ चांदनी बिखेरता पूर्णिमा की चांद के बीच पूरा गंगातट लाखों दीपों से जगमगा उठा, कण-कण को रोशन हो जाता है। अर्द्धचंद्राकार घाटों पर कतारबद्ध दीप मालाएं और आकर्षक आतिशबाजी कुछ ऐसी होती है मानो काशी में स्वर्गलोक उतार आया है। दीपों की झिलमिलाहट देख कर ऐसा एहसास होता है जैसे सचमुच आसमान में सितारों संग आमजन अठखेलियां कर रहे हो। दीपों का साथ पाकर पूनम की रात भी इठला रही हो। इस चकाचौंध में जब गंगा के पानी में पूर्णिमा के चांद व आकाश के तारों का प्रतिबिम्ब असंख्य दीयों के बीच अपनी छटा दिखाई देती है तो मानों स्वर्ग हजारों दीपक अर्धचन्द्राकार आकृति में ऐसे लग रहे होते है जैसे काशी के गले में दीपों की माला हो। यह अनुपम छवि देखने के लिए ही गंगा में नौका संचालक ही नहीं बल्कि पर्यटक भी वर्ष भर इंतजार करते हैं। गंगा में चलने वाली नौका और बजड़े महीनों पहले ही बुक हो जाते हैं। वर्ष भर की कमाई का एक बड़ा हिस्सा देव दीपावली पर ही नौका संचालकों को मिल जाता है। हालांकि, कोरोना संक्रमण काल में इस बार देव दीपावली का वह वैभव भले ही नजर न आए मगर पीएम के आगमन के बाद सरकारी आयोजन सरीखी भव्यता इस बार देव दीपावली पर अनोखा अहसास पर्यटकों को कराएगा।

गंगा में जल ट्रैफिक, पीएम मोदी नौका से करेंगे गंगा में भ्रमण

देव दीपावली पर पूर्व के वर्षों से सबक लेते हुए इस बार पीएम के दौरे के बीच गंगा में जल यातायात पर नियंत्रण के बीच राजघाट और विश्वसुंदरी पुल पर जाल फेंककर बाहरी जिलों से आने वाली नौकाओं को रोक दिया गया है। वहीं वाराणसी में पीएम के देव दीपावली पर गंगा में भ्रमण करेंगे तो शेष नौकाओं के संचालन के तौर तरीकों को भी नियंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देव दीपावली पर साढ़े छह घंटे के प्रवास पर वाराणसी आएंगे। पीएम मोदी काशी में दो जनसभाओं को संबोधित करने के साथ ही जाह्नवी तट पर अर्द्ध चंद्राकार घाटों पर सजने वाले दीपोत्सव में भी शामिल होंगे। पीएम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण की प्रगति भी जानेंगे और सारनाथ के लाइट एंड साउंड शो को भी देखेंगे। साथ ही वाराणसी-प्रयागराज हाईवे का लोकार्पण भी करेंगे। यहां नेशनल हाईवे-19 हंडिया से राजातालाब खंड के सिक्स लेन परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद पीएम यहां मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। यहां से पीएम का हेलीकॉप्टर डोमरी हेलीपैड पहुंचेगा और वहां से सीधे वे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंचकर करीब आधे घंटे निरीक्षण करेंगे। राजघाट पर दीपोत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद पीएम देव दीपावली पर घाटों पर मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। राजघाट से संत रविदास घाट तक दीपोत्सव को निहारने के बाद वे लंका से सारनाथ सड़क मार्ग से जाएंगे। सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो देखने के बाद सड़क मार्ग से वे बाबतपुर एयरपोर्ट जाएंगे।

क्रूज पर सवार होगा पीएम मोदी निहारेंगे काशी की छटा

राजघाट से क्रूज पर सवार होकर पीएम मोदी जब रविदास घाट तक नौकायान करेंगे तो 10 मिनट के लिए क्रूज चेतसिंह घाट के सामने ठहर जाएगा। चेत सिंह किला पर लेजर शो कार्यक्रम देखने के बाद क्रूज आगे रविदास घाट की ओर बढे़गा। इसकी तैयारियां पर्यटन अधिकारियों ने पूरी कर ली है। पिछली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेजर शो डोमरी में देखा था। इस बार भी मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। दीपों की रोशनी से जगमगाते हुए घाटों को निहारते हुए प्रधानमंत्री रविदास घाट से फिर वाहन से लंका और सड़क मार्ग से सारनाथ जाएंगे, जहां लाइट एंड साउंड शो देखेंगे फिर सड़क मार्ग से बाबतपुर एयरपोर्ट जाएंगे। पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए विभिन्न गंगा घाटों पर 11 लाख दीप जलाए जाएंगे और गंगा पार रेत पर सैंड आर्ट भी बनाया जा रहा है। चेतसिंह किला घाट पर लेजर शो की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं।

अभेद्य होगी सुरक्षा व्यवस्था, तैयारियों में लगीं एजेंसिंया

प्रधानमंत्री एसपीजी, एनएसजी कमांडो, एटीएस कमांडो, खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों, सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी व पुलिस के जवानों और डॉग स्क्वाड व बम निरोधक दस्ते के पांच स्तरीय अभेद्य सुरक्षा घेरे में शहर आएंगे। इसके अलावा गंगा में उनकी सुरक्षा के लिए नौसेना के जवान व 16 गोताखोर और 24 नावों के साथ एनडीआरएफ के 120 जवान, जल पुलिस व पीएसी बाढ़ राहत दल के जवान तैनात रहेंगे। प्रधानमंत्री के सभी कार्यक्रम स्थल नो फ्लाइंग जोन होंगे। गंगा घाटों और सारनाथ में आमजन के बीच एक हजार से ज्यादा महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात रहेंगे। सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मी भीड़ में मौजूद लोगों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके साथ ही स्थानीय अभिसूचना इकाई और नई दिल्ली से आए खुफिया एजेंसियों के कर्मचारी और अधिकारी भी भीड़ में सादे कपड़ों में माहौल पर नजर रख कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराएंगे।

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