किसानाें के दिल्ली कूच से पंजाब और हरियाणा में यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है। इससे यात्रियों और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्रा पर निकले लोग रास्ते में बुरी तरह फंस गए हैं। वाहन नहीं चलने से लोग बच्चों के साथ पैदल जाने को मजबूर हैं। निजी वाहनों से भी जरूरी काम से जाने वाले लोग भी जगह-जगह फंसे हुए हैं। शादियों में जा रहे लोग भी आगे नहीं जा पा रहे हैं। मरीजों को भी इससे बेहद परेशानी हो रही है।
पंजाब में विभिन्न प्रमुख मार्ग किसानों के दिल्ली कूच की वजह से जाम हैं या आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद हैं। सबसे अधिक दिक्कत ट्रेन पकड़ने जाने वाले लोगों को हो रही है। पटियाला के शंभू बार्डर पर किसानोें के कूच के कारण आम लाेगों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। सार्वजनिक यात्री वाहन भी नहीं चल रहे हैं। ऐसे लोगों को भारी दिक्कत हो रही है जिनको अंबाला से ट्रेन पकड़नी है।
लुधियाना से अंबाला जाने के लिए निकले माेनू परिवार समेत निकले। शंभू बॉर्डर सील होने के कारण वह और उनका परिवार फंस गया। उन्हें पैदल ही बॉर्डर क्रॉस करना पड़ा। इसमें भी काफी दिक्कत हुई। ऐसी ही स्थिति का सामना फगवाड़ा से चले आतिश को भी करना पड़ा। वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के लिए निकले हैं लेकिन उन्हें बॉर्डर सील होने के कारण यहां से हरियाणा में प्रवेश के लिए पैदल ही जाना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें करीब सात किलोमीटर का सफर पैदल करना होगा। शंभू बार्डर पर सील के कारण कई लोगों काे पुल के नीचे से नदी पार करने जाना पड़ रहा है।
ऐसी ही हालत का सामना काफी संख्या में लोगों को हो रही है। इसी तरह की स्थिति पंजाब-हरियाणा बार्डर पर अन्य जगहों पर भी है। सिरसा के पास डबवाली बार्डर और बठिंडा जिले के डूमवाली बार्डर पर आम लोगों के लिए यात्रा करना मुश्किल हो गया है।
दूसरी ओर, हरियाणा से पंजाब में प्रवेश कर रहे यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए पंजाब रोडवेज ने अपनी विभिन्न डिपो की बसों को यहां शंभू बॉर्डर पर खड़ा किया है। ये बस सेवाएं लुधियाना, जालंधर और अमृतसर तक मुहैया करवाई जा रही है। यात्रियों की संख्या ज्यादा नहीं है इसलिए बसें भी यहां से सीमित संख्या में ही चलाई जा रही है ।