प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश की बैठक के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। तीर्थराज प्रयाग के गौहनिया में रविवार को शुरु हुई बैठक के स्थल, वशिष्ठ वात्सल्य स्कूल को भी पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कार्यक्रम स्थल को प्लास्टिक मुक्त किया गया है। भोजन, जलपान एवं पानी के लिए अन्य बर्तनों का उपयोग किया जा रहा है। परिसर का प्लास्टिक मुक्त कार्यक्रम जहां संघ की कथनी व करनी की एकरुपता को सिद्ध करता है, वहीं समाज को यह संदेश भी दे रहा है कि निजी व सार्वजनिक कार्यक्रमों में पर्यावरण के अनुरुप व्यवहार करना ही लाभदायक है। दरअसल, संघ पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूरे देश में लगातार अभियान चलाता रहता है। ऐसे में संघ ने बैठक के लिए भी जिस स्थल का चयन किया है वहां भी पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान रखा गया है। पूरा परिसर वृक्षों, वनस्पतियों और सुवासित पुष्पों की क्यारियों से सुसज्जित है। कार्यक्रम के लिए बने मंच पर और आस-पास कहीं भी बैनर या साज सज्जा में भी प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया गया है। यह संदेश दे रहा है कि निजी और सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक और थर्माकोल के स्थान पर मिट्टी के पात्रों, पत्तलों आदि का प्रयोग किया जाना पर्यावरण के लिए लाभदायक होगा।
संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डा. मुरारजी त्रिपाठी का कहना है कि आरएसएस कथनी और करनी में एकरूपता को प्रदर्शित करता है। वह जो संदेश देता है उसका पालन अपने कार्यक्रमों में भी करता है। उन्होंने कहा कि निजी और सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक के स्थान पर मिट्टी के बर्तनों और पत्तलों का ही प्रयोग करना चाहिए। यह पर्यावरण के लिए हितकर होता है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी उत्तर प्रदेश की दो दिवसीय बैठक गौहनिया स्थित वशिष्ठ वात्सल्य स्कूल में आज शुरु हुई। बैठक में सरसंघचालक डा. मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी के अलावा संघ के सभी सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, डा. मनमोहन वैद्य, डा. कृष्ण गोपाल और मुकुन्द तथा तीन अखिल भारतीय पदाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी, अनिल ओक व अजीत महापात्रा शामिल हैं। इसके अलावा अवध, काशी, कानपुर और गोरक्ष प्रांत के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य भी इसमें सहभाग कर रहे हैं।