राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में आइसीयू बेड बढ़ाने की चुनौती सामने आ गई है, वहीं दिल्ली सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है। इस बाबत दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain, Delhi Health Minister) का कहना है कि हमने अस्पतालों में आइसीयू बेड की संख्या में इजाफा किया है, जिनकी संख्या 400 है। अगले कुछ दिनों में यह संख्या और बढ़ाई जाएगी।
यहां पर बता दें कि कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पिछले तीन दिन में 352 आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। इसमें 47 वेंटिलेटर शामिल हैं। यह ज्यादातर बेड सरकारी अस्पतालों में बढ़ाए गए हैं। अगले कुछ दिनों में आइसीयू बेड की संख्या और बढ़ेगी।
दिल्ली कोरोना ऐप (Delhi Corona App) के अनुसार 18 नवंबर को अस्पतालों में कुल 1349 वेंटिलेटर वाले व 2318 बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड थे। अब वेंटिलेटर बेड की संख्या 1396 और बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड 2623 हो गए हैं। इस तरह बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड की संख्या 305 बढ़ गई है, जबकि वेंटिलेटर की संख्या 47 बढ़ गई है।
इसके बाद भी आइसीयू बेड की कमी बनी हुई है। मौजूदा समय में सिर्फ 119 वेंटिलेटर और 406 बगैर वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड खाली हैं। सरकारी अस्पतालों में भी आइसीयू बेड कम पड़ने लगे हैं। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों में 641 आइसीयू बेड बढ़ाने का आदेश दिया है। वहीं केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी आइसीयू बेड बढ़ाए जाने हैं। इसके अलावा 42 निजी अस्पतालों को 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना के लिए आरक्षित करने के लिए दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है।