पीएम ने 23 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं का किया वर्चुअल शिलान्यास
कहा, संसाधनों के बावजूद अभाव के क्षेत्र बन गए विध्यांचल-बुन्देलखण्ड
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जनपद मीरजापुर और सोनभद्र की 23 ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं का वर्चुअल शिलान्यास किया। इनमें जनपद मीरजापुर की 09 तथा जनपद सोनभद्र की 14 ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाएं शामिल हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनपद सोनभद्र से इस आयोजन में शामिल हुए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में लोगों का उत्साह और उमंग घर में किसी बहुत बड़े उत्स्व की तरह नजर आ रहा है। इससे पता चलता है कि अपने आप में ही इस योजना का मूल्य कितना बड़ा है और पानी के प्रति क्षेत्र के लोगों की संवेदनशीलता कितनी है। उन्होंने कहा कि सरकार आपकी समस्याओं को अच्छी तरह समझती है और उसके समाधान के लिए भी कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने लोगों के उत्साह और उमंग को देखते हुए विश्वास जताया कि यह योजना तय समय से जल्दी पूरी होगी और इसकी लागत भी कम हो सकती है, क्योंकि जनभागीदारी से बहुत बड़ा परिणाम मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां विंध्यवासिनी की हम सभी पर विशेष कृपा है कि आज इस क्षेत्र के लाखों परिवारों के लिए इस बड़ी योजना की शुरुआत हो रही है। इस योजना के तहत लाखों परिवारों उनके घरों में नल से शुद्ध पेयजल मिलेगा। उन्होंने कहा कि विंध्य पर्वत का यह पूरा विस्तार पुरातन काल से ही विश्वास, पवित्रता, आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र रहा है।
प्रधानमंत्री ने रहीम दास के दोहे को याद करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग जानते हैं कि ‘जा पर बिपदा परत है , सो आवत यहि देस।’ रहीम दास के इस विश्वास का कारण इस क्षेत्र के अपार संसाधन और यहां मौजूद अपार संभावनाएं थी। उन्होंने कहा कि कई नदियों का आशीर्वाद इस क्षेत्र को प्राप्त है। लेकिन, आजादी के बाद दशकों तक अगर उपेक्षा का शिकार भी कोई क्षेत्र हुआ है तो यही सबसे अधिक है। उन्होंने कहा विध्यांचल और बुन्देलखण्ड क्षेत्र संसाधनों के बावजूद अभाव के क्षेत्र बन गए। इतनी नदियां होने के बावजूद इनकी पहचान सबसे अधिक प्यासे और सूखा प्रभावित क्षेत्रों से की ही रही। इस वजह से अनेक लोगों को यहां से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में विद्यांचल की सबसे बड़ी परेशानी को दूर करने का निरंतर कार्य किया गया है। यहां घर-घर जल पहुंचाने और सिंचाई की सुविधाओं का निर्माण इसी प्रयास का एक बहुत अहम हिस्सा है। पिछले साल बुन्देलखण्ड में पानी से जुड़ी बहुत बड़ी परियोजना पर काम शुरू किया गया, जिस पर तेजी से काम चल रहा है और आज साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये की विंध्य जलापूर्ति योजना का शिलान्यास भी हुआ है। यह सोनभद्र और मीरजापुर जिलों के लाखों लोगों को और विशेष तौर पर माताओं बहनों और बेटियों को बहुत-बहुत बधाई का अवसर है।
शुद्ध जल का अर्थ है, बीमारियों का सर्वथा अंत : योगी
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य क्षेत्र के सभी लोगों को इन परियोजनाओं के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज इतना बड़ा कार्य सोनभद्र और मीरजापुर जनपद के लिए एक साथ हो रहा है। आने वाले डेढ़ से दो वर्ष के अंदर इन जनपदों के हर गांव में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करने में हमें सफलता प्राप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध जल का अर्थ है, बीमारियों का सर्वथा अंत। अगर जेनेटिक बीमारियों को छोड़ दें, तो किसी भी दूसरी बीमारी को रोकने में स्वच्छता और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट रूप से देश की जनता को कहा कि हम बिना भेदभाव के विकास की योजनाओं का लाभ गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और समाज के हर तबके को देंगे। विकास सबका होगा। लेकिन, तुष्टीकरण किसी का नहीं होगा।
सबका साथ-सबका विकास की इस भावना को चरितार्थ करने के लिए ढेर सारी विकास परियोजनाओं के साथ हम सब आपके बीच उपस्थित हुए हैं। संभवत: इस क्षेत्र में विकास की इतनी बड़ी परियोजना पहले कभी आई ही नहीं। आज कोरोना कालखंड में भी यह क्षेत्र विकास से वंचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आप का हित ही प्रदेश का हित है, देश का हित है। इस हित को सर्वोपरि मानते हुए कोरोना कालखंड में इतना बड़ा समारोह आयोजित कर आप सबको और आने वाली पीढ़ियों को शुभेक्षा प्रदान करने के लिए हम सब यहां उपस्थित हुए हैं। हमारी जनता को जब शुद्ध जल उपलब्ध होगा, तो इन्हें दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जब घर में ही पाइप से शुद्ध जल मिलेगा, तो यहां के लोग न केवल खुशहाल होंगे बल्कि ढेर सारी बीमारियों से भी बचे रहेंगे।