नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने कार्यशैली को लेकर लेकर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष के चयन के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ साल से बिना अध्यक्ष के पार्टी कैसे काम कर रही है, यह आश्चर्य की बात है। पार्टी कार्यकर्ता भी इस असमंजस में हैं कि वो अपनी समस्याओं को लेकर किसके पास जाएं। दरअसल, एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा कि वर्तमान की राजनीतिक परिस्थितियों में जरूरी है कि कांग्रेस पार्टी एक निश्चित नेतृत्व और स्थायी के साथ आगे बढ़े। हालांकि राहुल गांधी ने जब से कहा है कि वो पार्टी अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं है और वो नहीं चाहते कि गांधी परिवार से अध्यक्ष हो। तब से पार्टी बिना अध्यक्ष के है।
सिब्बल ने कहा कि हाल के चुनाव बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस फैक्टर नहीं था लेकिन गुजरात और मध्य प्रदेश जहां कांग्रेस की सीधी लड़ाई भाजपा से थी। वहां भी नतीजे बुरी तरह से चौंकाने वाले हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस पार्टी अब देश में प्रभावी विपक्ष नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि पार्टी में असंतोष का माहौल तब से पनपा, जब कांग्रेस नेता सिब्बल ने जुलाई महीने में संसदीय दल की बैठक में संगठनात्मक कार्यप्रणाली और शीर्ष नेतृत्व का मुद्दा उठाया था। इसके बाद अगस्त में 23 नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी भी लिखी थी। इसके बाद से ही कई चुनाव परिणामों ने पार्टी में खींचतान जारी है।