चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) सिनोवैक तेजी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, लेकिन इसके द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी का स्तर संक्रमण से उबरे लोगों की तुलना में कम रहा। इसकी जानकारी बधुवार को प्रारंभिक परीक्षण के परिणाम से मिली है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह टीका पर्याप्त सुरक्षा प्रदान कर सकता है। उन्होंने यह बात अन्य टीकों और मकाऊ पर प्री-क्लिनिकल स्टडी के डेटा के आधार पर कही है।
बता दें कि पिछले दिनों अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और माडर्ना ने अपनी वैक्सीन के 90 फीसद से ज्यादा असरदार होने दावा किया था। रूस भी अपनी वैक्सीन को असरदार बता चुका है। चीन में कोरोनावैक समेत चार अन्य कोरोना वैक्सीन का अंतिम चरण में ट्रायल चल रहा है। सिनोवैक वैक्सीन की फेज-1 और फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम मेडिकल जर्नल द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित हुई हैं। ये ट्रायल चीन में हुए और इसमें 700 से अधिक लोग शामिल हुए।
पेपर के लेखकों में से एक झू फेंग्काई ने कहा, ‘हमारे निष्कर्षों से पता चला है कि 14 दिनों के अंतराल पर सिनोवैक वैक्सीन की दो खुराक देने से चार सप्ताह के भीतर तेजी से रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने में सक्षम है। हमारा मानना है कि यह महामारी के दौरान टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए उपयुक्त बनाता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि फेज -3 ट्रायल के निष्कर्ष यह निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा कि कोरोनावैक द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया लोगों को कोरोनावायरस संक्रमण से बचाने के लिए पर्याप्त है या नहीं।सिनोवैक का वर्तमान में इंडोनेशिया, ब्राजील और तुर्की में फेज-3 ट्रायल चल रहा है।
बता दें कि दुनियाभर में कोरोना के अब तक पांच करोड़ 53 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। वहीं, 13 लाख 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां एक करोड़ 12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। दो लाख 46 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।