ठाकुर ग्रुप की बैठक में सामाजिक मुद्दों पर चर्चा
आगरा : सामाजिक संगठन ठाकुर ग्रुप की एक बैठक आगरा के रुनकता में आयोजित की गई। बैठक में कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रभारी जितेन्द्र सिकरवार ने बताया कि हमारे देश में ही एक ऐसा काला कानून है जिसके अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा के चयन और प्रशिक्षण में उर्दू भाषा और उसमें लिखी पुस्तकों को शामिल किया जाता है लेकिन भारतीय.संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना जागरण के आधार स्तम्भ- गीता, रामायण पुराणों आदि को शामिल नहीं किया जाता है जिसका गलत प्रभाव भी इस संवर्ग के कुछ अधिकारियों पर पड़ता है और उनकी सोच नकारात्मक हो जाती है। श्री जितेन्द्र सिकरवार ने कहा कि अत्यंत दुखद है कि उर्दू के आधार पर, प्रशासनिक अधिकारी बनाया जा सकता है लेकिन स्कूलों में रामायण, गीता और वेदों को नहीं पढ़ा सकते। भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बचाना है तो हमें सनातन धर्म और अपने वेद पुराणों की तरफ लौटना होगा और वर्तमान समय में यह बहुत आवश्यक है कि हमारे धर्म ग्रंथ आज की पीढ़ी को पढ़ाया जाए जिससे कि भारत पुनः विश्व गुरु बनने की और अग्रसर हो…। ये तभी संभव है जब संविधान की धारा 30A भी हटाई जाय और स्कूलों में गीता रामायण जैसे ग्रंथ पाठ्यक्रम में शामिल किए जाए, जिससे कि भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो।
श्री जितेंद्र ने बताया कि शीघ्र ही इस सम्बन्ध में ठाकुर ग्रुप का एक प्रतिनिधिमंडल, गृहमंत्री अमित शाह, शिक्षा मंत्री भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर ज्ञापन देगा। बैठक की अध्यक्षता ठाकुर ग्रुप उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हरिप्रसाद सिंह और संचालन राजू जादौन ने किया, बैठक में मुख्य रूप से राम चौहान राष्ट्रीय महामंत्री, विनोद जादौन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ भीम प्रताप सिंह, दशरथ सिंह राजावत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजकुमार राघव प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश, विजय कुमार सिसोदिया प्रदेश उपाध्यक्ष दिल्ली प्रदेश, रोशन लाल ठाकुर राष्ट्रीय सचिव, दिवाकर सिंह, मंजीत सिंह, अजय प्रताप सिंह गौर, राम सजन सिंह आदि उपस्थित रहे।