लखनऊ, 8 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का तीसरा दिन आज देश-विदेश की प्रख्यात हस्तियों सर्वश्री डा. दिनेश शर्मा, उप-मुख्यमंत्री, उ.प्र., प्रदेश के कानून व न्यायमंत्री श्री बृजेश पाठक, हैती के प्रधानमंत्री श्री जीन हेनरी सिएन्ट आदि की गरिमामय आॅनलाइन उपस्थिति एवं विभिन्न देशों के न्यायविद्ों व कानूनविद्ों की परिचर्चा से ओतप्रोत रहा। इसके अलावा, सम्मेलन के तीसरे दिन आज सी.एम.एस. संस्थापिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने श्री एलिन वेयर, फाउण्डर एवं ग्लोबल कोआर्डिनेटर, पी.एन.एन.डी., स्विटजरलैण्ड को ‘नेल्सन मंडेला न्यूक्लियर फ्री फ्यूचर अवार्ड’, जापान की शान्ति संस्था ‘ब्याको शिंको काई’ की चेयरपरसन सुश्री मसामी सायोन्जी को ‘लाइफटाइम एचीवमेन्ट अवार्ड फॅार प्रमोटिंग वल्र्ड पीस’, रूस के ह्यूमैनिटीज आॅफ द फाइनेन्सियल यूनिवर्सिटी के हेड आॅफ द डिपार्टमेन्ट डा. नताल्या ओरेखोवस्काया को ‘ग्लोबल एजूकेशन एक्सीलेन्स अवार्ड’ एवं पेरू सुपीरियर कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा. जोसफा वी इजागा पेलग्रिन को ‘लार्ड बुद्धा अवार्ड’ से वर्चुअल प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्मानित किया गया।
विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन 6 से 9 नवम्बर तक आॅनलाइन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश एवं विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 63 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् आॅनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।
इस ऐतिहासिक सम्मेलन के तीसरे दिन प्रातःकालीन सत्र का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा, उप-मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के माध्यम से सी.एम.एस. सारे विश्व के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित व सुखमय करने का अनूठा अभियान चला रहा है, जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम होगी। हमारा भी यह कर्तव्य बनता है कि भावी पीढ़ी हित में एवं समस्त मानवता के कल्याण में अपना यथासंभव योगदान करें एवं एकता, शान्ति व भाईचारे के संदेश को पूरे विश्व में प्रचारित-प्रसारित करने में सहयोग करें।
आस्ट्रेलिया के इण्टरनेशनल एसोसिएशन आॅफ जजेज के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति जी.टी. पेगोन ने की-नोट एड्रेस देते हुए एक स्वतन्त्र ज्यूडिशियरी की वकालत की जो कानून की रक्षा कर सके और किसी के दबाब में न आये। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं को जजों की इस स्वतन्त्रता का सम्मान करना चाहिए। भूटान हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दासो लोबजंग रिंजिंग यार्गे ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस ने विश्व की सामाजिक एवं आर्थिक
गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। आज हम एक इण्टर-कनेक्टेड विश्व में रहते हैं, जहाँ ग्लोबल गवर्नेन्स के माध्यम से ही हम कोरोना जैसी भीषण परिस्थितियों से मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि एकता में ही शक्ति है। जापान की शान्ति संस्था ‘ब्याको शिंको काई’ की चेयरपरसन सुश्री मसामी सायोन्जी ने कहा कि जहाँ एक ओर अन्तर्राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता है तो वहीं व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को भी हमें महफूज रखना है। हमें एक विशिष्ष्ट सामाजिक विचारधारा और भविष्य की समझ की जरूरत है। ग्लोबल गवर्नमेन्स ही वह व्यवस्था है जो हमें वैश्विक चुनौतियों से जूझने की क्षमता प्रदान करती है।
सी.एम.एस. संस्थापिका एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल अपनी स्थापना के समय से ही सम्पूर्ण विश्व में एकता व शान्ति का अलख जगा रहा है। ‘जय जगत’ एवं ‘वसुधैव कुटम्बकम’ की भावना ही हमारी ताकत है। हमारा मानना है कि हमारी साँस्कृतिक विरासत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना सिर्फ देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में एकता व शान्ति स्थापना में सक्षम है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को सारे विश्व में पहुँचाने हेतु सिटी मोन्टेसरी स्कूल दृढ़-संकल्पित है।
सम्मेलन के तीसरे दिन के सायंकालीन सत्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री बृजेश पाठक, कानून एवं न्यायमंत्री, उत्तर प्रदेश ने किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री पाठक ने कहा कि मैं सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने इस सम्मेलन के माध्यम से माध्यम लखनऊ व प्रदेश का गौरव सारे विश्व में बढ़ाया है अपितु विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की आवाज उठाने हेतु दुनिया भर के न्यायविद्ों व कानूनविद्ो को एक बार फिर से एक मंच पर एकत्रित होने का अवसर प्रदान किया है। मेरा विश्वास है कि यह सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व बन्धुत्व की दिशा में अवश्य ही मील का पत्थर साबित होगा।
सी.एम.एस. संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन पूरी तरह से विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है। बच्चे एक सुरक्षित भविष्य चाहते हैं। अतः एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण होना चाहिए जिससे विश्व में न्याय, एकता व शान्ति स्थापित हो सके, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाये, बच्चों पर अत्याचार और अन्याय समाप्त हो, सबको चिकित्सा का लाभ मिल सके और युद्ध समाप्त हो। डा. गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि जब तक हम इन विभिन्नताओं में एकता नहीं स्थापित करते, हम शान्ति व सुख से नहीं रह सकते।
डा. गाँधी ने बताया कि आज की परिचर्चा में माल्टा के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विन्सेन्ट ए डी गैटानो, अफगानिस्तान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैयद यूसुफ हालिम, मंगोलिया सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुश्री टुंगलग डेक्वाड्रोज, यूक्रेन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वेस्वोलोड नीजीव, घाना सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीमती जट्र्रूड टोकोर्नू, इजरायल सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुश्री डफने बराक इरेज, तंजानिया कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति सिल्वेन ओर, कोस्टारिका के क्रिमिनल कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति रोसा मारिया एकान, पेरू सुपीरियर कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डा. जोसफा वी इजागा पेलग्रिन समेत देश-विदेश के अनेक न्यायविद्ों व कानूनविद्ों ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन के अन्तर्गत अलग-अलग पैरेलल सेशन्स के अन्तर्गत परिचर्चा सम्पन्न हो रही है जिनमें ‘रिफाम्र्स आॅफ ग्लोबल गवर्नेन्स स्ट्रक्चर’, ‘ग्लोबल सिटीजनशिप एजूकेशन’, ‘ए न्यू डिफनीशन आॅफ सिक्योरिटी – फ्राम मिलिटरी सिक्योरिटी टु हेल्थ, वर्क एण्ड सोशल सिक्योरिटी’, ‘टैकलिंग रेस, रिलीजन एण्ड जेण्डर प्रिजुडाइसेज’, ‘इन्वार्यनमेन्ट प्रोटेक्शन एण्ड क्लाइमेट जस्टिस’, ‘द क्रिएशन आॅफ ए वल्र्ड पार्लियामेन्ट्र असेम्बली फाॅर यू.एन. एकाउन्टबिलिटी एण्ड लेजिटमेसी’, ‘रोल आफ द ज्यूडिशियरी इन बिल्डिंग ए मोर सिक्योर एण्ड इक्विटेबल वल्र्ड’ एवं ‘रोल आॅफ द मीडिया इन क्रिएटिंग ए क्लाइमेट आॅफ टाॅलरेन्स’ प्रमुख हैं।