भूटान से व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में सफल रहा भारत
नई दिल्ली। भारत अपने करीबी और पड़ोसी देश भूटान की कोविड-19 महामारी से लड़ने में लगातार मदद कर रहा है। इस श्रृंखला में भारत सरकार ने थिम्फू के पहले सचिव (राजनीतिक) और वाणिज्यिक प्रतिनिधि एन हाओकिप के माध्यम से आरटी-पीसीआर टेस्ट किट और 417 आरएनए एक्सट्रैक्सन किट की एक खेप भूटान भेजा है। जिसे एन हाओकिप ने सोमवार को भूटान की शाही सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यवाहक महानिदेशक टंडिन दोर्जी को सौंप दिया है। आरटीपीसीआर की इस खेप से 20 हजार टेस्ट किए जा सकेंगे। थिम्फू स्थित भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी से लड़ने में भूटान को प्रभावी मदद देने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद से भारत इस महामारी से लड़ने में भूटान की हर तरह से सहायता कर रहा है। अब तक भारत की तरफ से भूटान को भेजी गई यह आठवीं चिकित्सा खेप है।
बता दें कि मार्च के बाद से भारत सरकार द्वारा भूटान को पैरासिटामोल, केटिरिज़िन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पीपीई किट, एन 95 मास्क और एक एक्स-रे मशीन भेजा जा चुका है। इसके अलावा भारत कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवारों के चरण- III क्लीनिकल परीक्षणों के संचालन में भूटान का भी सहयोग कर रहा है। यही नहीं वैश्विक संकट कोरोना के दौरान भारत ने भूटान के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत किया है। बीते माह भारत ने दो बड़े निर्णय लेते हुए एक तरफ जहां भूटानी फलों और सब्जियों को भारतीय बाजारों तक पहुंचने की अनुमति दे दी थी, वहीं दूसरी तरफ उनके लिए एक नया मार्ग भी खोल दिया था।
इससे अब भारतीय बाजारों में भूटान के अरेका नट, मंदारिन, सेब, आलू और अदरक अपनी खुशबू बिखेर पा रहे हैं। साथ ही भारत ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में नई इबारत लिखते हुए हुए एशियाई राजमार्ग संख्या- 48 को भारत में टॉर्सा चाय बागान से जोड़ने की औपचारिक अनुमति दे दी है। थिम्फू स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी ने बताया कि ‘भारत और भूटान के बीच संबंध प्राचीनकाल से ही अटूट रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में जिस तरह से भारत ने आगे बढ़कर भूटान की मदद की है उससे दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों में और प्रगाढ़ता आई है। इसके साथ ही भारत इस महामारी के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए भूटान की हर संभव मदद करता रहेगा।’