जानें, राष्ट्रपति चुनाव में जीत के करीब बाइडन के जीवन के अनछुए पहलू, दिलचस्प है उनका भारतीय कनेक्‍शन

अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में कांटे की टक्‍कर के बीच डेमोक्रेट‍िक उम्‍मीदवार जो बाइडन अपने प्रतिद्वंद्वी व रिपब्लिकन प्रत्‍याशी डोनाल्‍ड ट्रंप से काफी आगे चल रहे हैं। वह जीत के काफी करीब है। हालांकि, अंतिम चुनाव नतीजे अभी नहीं आए हैं। जीत के लिए 270 का आंकड़ा अभी तक किसी भी उम्‍मीदवार ने नहीं छुआ है। इस बार के चुनावी सर्वे में भी जो बाइडन को ही आगे दिखाया गया है। ऐसे में एक जिज्ञासा उत्‍पन्‍न होती है कि आखिर जो बाइडन कौन हैं? उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा है? आखिर उनका भारतीय कनेक्‍शन क्‍या है? आइए जाने हैं जो बाइडन के जीवन के अनछुए पहलू-

1972 में पहली बाद चुने गए सीनेटर

डेमोक्रेटिक उम्‍मीदवार जो बाइडन वर्ष 1972 में पहली बार डेवावेयर से सीनेट के लिए निर्वाचित हुए। अब तक वह छह बार सीनेटर रह चुके हैं। बाइडन ने बराक ओबामा के राष्‍ट्रपति रहते अमेरिका के 47वें उप राष्‍ट्रपति का पद संभाला था। इस चुनाव में उन्‍होंने ओबामा को पॉपुलर वोट में रिकॉर्ड मतों से पीछे छोड़ दिया था। जो बाइडन अमेरिका के इतिहास में पांचवें सबसे युवा सीनेटर थे। यदि वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास में सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। उनकी उम्र 78 साल है।

1972 में एक कार दुर्घटना में पत्‍नी व बेटी की मौत

बाइडन के फैमली जीवन का इतिहास काफी कष्‍टप्रद है। वर्ष 1972 में एक कार दुर्घटना में बाइडन की पहली पत्‍नी और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई थी। वह इस कष्‍ट से उबर नहीं पाए थे कि 2015 में बेटे की ब्रेन कैंसर निधन हो गया। इन घटनाओं  ने उनके जीवन को पूरी तरह से झकझोर दिया। इसका प्रभाव उनके जीवन और सोच पर भी पड़ा। यही वजह रही कि राष्‍ट्रपति चुनाव में बाइडन ने स्‍वास्‍थ्‍य योजनाओं को खास प्राथमिकता दी है। उन्‍होंने इसे चुनावी एजेंडा बनाया। इसे उनके परिवार में एक के बाद एक दुर्घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है।

पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर

अमेरिकी सियासत में जो बाइडन के नाम से मशहूर बाइडन का पूरा नाम बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। बाइडन का जन्‍म अमेरिका के पेंसिलवेनिया राज्‍य के स्‍कैंटन में हुआ था। बाल्‍यावस्‍था में ही वह डेलवेयर चले गए थे।

बाइडन का भारतीय कनेक्शन

डेमोक्रेटिक उम्‍मीदवार बाइडन वर्ष 2013 में बतौर उपराष्ट्रपति भारत आए थे। तब उन्होंने मुंबई में एक भाषण के दौरान अपने भारतीय कनेक्‍शन को उजागर किया था।

बाइडन कहा था कि वर्ष 1972 में जब वह पहली बार सीनेट के सदस्य बने थे, तो उन्हें मुंबई से एक बाइडन का पत्र मिला था। मुंबई वाले बाइडन ने उन्हें बताया कि दोनों के पूर्वज एक ही हैं। उक्त पत्र में उन्हें जानकारी दी गई थी कि उनके पूर्वज 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। बाइडन ने अफसोस भी जताया कि इस बारे में वह विस्तार से पता नहीं लगा सके।

वर्ष 2015 में उन्‍होंने वाशिंगटन में इंडो-यूएस फोरम की बैठक में फिर इस घटना का जिक्र किया था। उन्‍होंने बताया कि संभवत: उनके पूर्वज ने एक भारतीय महिला से शादी की थी, जिसके परिवार के लोग अभी भी वहां हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई में तब बाइडन सरनेम के पांच लोग थे, जिनके बारे में एक पत्रकार ने उन्हें जानकारी दी थी। तब बाइडन ने यह चुटकी भी ली थी कि वह भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं।

राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोटों की गिनती जारी है। नतीजों में डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार जो बाइडन(Joe Biden) ने बढ़त बना रखी है। बाइडन जीत के काफी करीब हैं। उन्हें अब तक 253 इलेक्टोरल वोट मिले हैं। ट्रंप को अब तक 214 इलेक्टोरल वोटमिले हैं। वोटों की गिनती के बीच जो बाइडन ने कहा है कि उन्हें कोई शक नहीं है कि जब वोटों की गिनती पूरी होगी तो हम विजेता घोषित होंगे। उन्होंने कहा कि जब वोटों की गिनती पूरी होगी तो वह और सीनेटर कमला हैरिस दोनों विजेता घोषित होंगे।

 

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