अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जीत की ओर कदम बढ़ा चुके डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त हैं. जो बाइडेन इससे पहले दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि एक दौर ऐसा भी था जब जो बाइडेन चाहते थे कि वे नहीं बल्कि उनका बड़ा बेटा राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े.
जो बाइडेन के दो बेटे हैं. जोसेफ ब्यू बाइडेन और हंटर बाइडेन. जोसेफ उनके सबसे बड़े बेटे थे. साल 2015 में जोसेफ की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी. वे सिर्फ 46 साल के थे.
अपने पिता के नक्शेकदमों पर चलते हुए जोसेफ ब्यू बाइडेन ने भी अपना करियर पॉलिटिक्स में बनाया था. वे साल 2007 से 2015 तक यूएस स्टेट ऑफ डेलवॉयर के 44वें एटॉर्नी जनरल रहे थे.
जो बाइडेन हमेशा से चाहते थे कि उनका बड़ा बेटा अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभाले. बाइडेन ने अपने मेमोएर में अपने बेटे के बारे में लिखा था- मैं हमेशा से सोचता था कि मेरा बेटा राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है और वो अपने भाई की मदद से जीत भी सकता है.
जोसेफ ब्यू साल 2008 और साल 2012 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के कैंपेन के भी अहम सदस्य रह चुके हैं. साल 2015 में उनकी ब्रेन कैंसर के चलते मौत हो गई थी.
हालांकि ब्यू की मौत से पहले भी बाइडेन खानदान में एक बेहद त्रासदी भरी दुर्घटना हुई थी. साल 1972 में जो बाइडेन की पहली पत्नी निएला हंटर और बेटी नेओमी की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी.
ब्यू और हंटर भी कार में मौजूद थे और उन्हें गंभीर चोटें आई थीं लेकिन दोनों की जान बच गई थीं. इसके कुछ सालों बाद जो बाइडेन ने दूसरी शादी रचाई थी जिससे उनकी एक बेटी एश्ले बाइडेन है.
वही जो बाइडेन के छोटे बेटे हंटर बाइडेन कई विवादों में घिरे रह चुके हैं और उन पर अपने पिता की पोजीशन का फायदा उठाने के आरोप भी लगते रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि चीन ने हंटर को एक ट्रेड डील के लिए काफी पैसे दिए हैं.
हंटर बाइडेन भी शराब की एडिक्शन को लेकर काफी ओपन रहे हैं. जो बाइडेन भी कह चुके हैं कि उनके छोटे बेटे हंटर ने एडिक्शन के साथ किसी भी आम युवा की तरह काफी संघर्ष किया है और वे इस बात को लेकर बेहद प्राउड महसूस करते हैं कि उनका बेटा अपनी लत को पीछे छोड़ चुका है.