पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. अब उनकी अस्थियां विसर्जित करने की तैयारी चल रही है. उत्तराखंड के हरिद्वार के साथ उत्तर प्रदेश की नदियों में अस्थियां प्रवाहित करने पर विचार किया जा रहा है.
शुक्रवार शाम दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. गम और आंसुओं के बीच उनकी बेटी नमिता ने कांपते हाथों से वाजपेयी की चिता को मुखाग्नि दी. बता दें कि राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के भी स्मारक हैं.
महान नेता के आखिरी सफर में भारी जनसैलाब उमड़ा. प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कैबिनेट के मंत्रियों, बीजेपी नेताओं के साथ विपक्षी पार्टियों और देश-विदेश के कई नेता उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. बीजेपी मुख्यालय से स्मृति स्थल तक राजकीय सम्मान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री और देश के कद्दावर नेता ने अपना अंतिम सफर तय किया.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में शामिल हुए.
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली और पाकिस्तान के कार्यवाहक कानून मंत्री अली जाफर सहित कई विदेशी हस्तियां वाजपेयी के अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहीं.
अब रविवार को उनकी अस्थियों को गंगा नदी में प्रवाहित किया जाएगा. उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी पर ब्रह्मकुंड में अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम होने की उम्मीद है. कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हजारों कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं. अस्थि विसर्जन की तैयारियों के लिए बीजेपी के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल हरिद्वार पहुंचे और स्थानीय नेताओं के साथ बैठक की.
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ऐलान कर चुके हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां सूबे की छोटी और बड़ी सभी नदियों में विसर्जित की जाएंगी. उन सभी नदियों में अस्थियों का विसर्जन होगा जो यूपी से निकलती हैं या राज्य से होकर गुजरती हैं. सभी नदियों में अटल जी की अस्थियां विसर्जित के पीछे मकसद है कि ये नदियां जहां से भी होकर गुजरेगी, वहां के लोग अटल जी के साथ एक जुड़ाव महसूस करेंगे.
गौरतलब है कि वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके घर से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित बीजेपी मुख्यालय ले जाया गया था. फिर अंतिम यात्रा राष्ट्रीय स्मृति स्थल के लिए रवाना हुई. इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा जो खामोशी से लेटे अपने नेता की अंतिम झलक पाने को आतुर थे.
पूर्व प्रधानमंत्री का शव फूलों से सजी तोपगाड़ी में रखा था और हजारों लोग उसके पीछे-पीछे चल रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी तोपगाड़ी के साथ लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी तक पूरे रास्ते पैदल चले.