माहवारी जागरूकता पर आधारित बदलाव अभियान का हुआ आगाज़

आशा वेलफेयर फाउंडेशन की ओर सेनेटरी पैड्स का हुआ वितरण

लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्र एवं मलिन बस्तियों की महिलाओं एवं बेटियों में खासकर वो जिन्हें माहवारी के दौरान स्वच्छता और सुरक्षा का सही से जानकारी नहीं है उन्हें माहवारी के दौरान ज़रूरी सावधानियां एवं सैनिटरी पैड्स के सही इस्तेमाल करने के उद्देश्य से बदलाव अभियान की शुरुआत की गई। शुक्रवार को आशा वेलफेयर फाउंडेशन के निर्देशन में यह अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत विशेष रूप से प्रारंभ में लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र,मलिन बस्तियों में टीम के द्वारा माहवारी विषय पर जागरूकता एवं सैनिटरी पैड्स का वितरण किया जाएगा।

शुक्रवार को इस अभियान की शुरुआत पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोयला बीकेटी में किया गया। सोशल एक्टिविस्ट अजंली पांडेय ने उपस्थित को बताया की माहवारी महिलाओ को प्रकृति का उपहार है। माहवारी होने से ही महिलाओ को आगे माँ बनने का सौभाग्य मिलता है। महावारी की शुरुआत नौ से सोलह साल की उम्र में हो जाता है अगर सोलह वर्ष तक माहवारी किसी लड़की में न हो तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। माहवारी के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। कपड़े की जगह सैनेटरी नेपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए। सैनेटरी नेपकिन भी कई बार महिलाएं बारह बारह घण्टे नही बदलती हैं तो वो भी महिलाओ में बीमारियों व इंफेक्शन का कारण बनता है। अतः हर छह घण्टे पर सैनिटरी नैपकिन बदलना ज़रूरी है। इस दौरान संस्था की ओर से मास्क भी वितरण किया गया।

संस्था की अध्यक्ष सोनी वर्मा ने बताया की संस्था के द्वारा महिलाओं एवं बच्चियों के लिए समय समय पर जागरूकता एवम ट्रेनिंग अभियान चलता है। सचिव ज्योति मेहरोत्रा के निर्देशन में सभी अभियान की रूपरेखा बनाकर उसे फील्ड में उतारा जाता है। बदलाव अभियान के प्रारंभ के दिन पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेश जैसवाल,संस्था से अर्चना सिंह, अनीता सिंह, शीबा खान एवं युवा संगठन सचिव अभिषेक सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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