दो नवंबर से राज्य के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 10 और 12 वीं की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। लेकिन छात्र तभी आ सकेंगे जब उनके अभिभावक सहमत होंगे। छात्रों को स्कूल आने और घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई के दोनों विकल्प मिलेंगे। राज्य सरकार स्कूलों के लिए केंद्र सरकार और यूपी की एसओपी के अनुसार ही मानक लागू करेगी। शुक्रवार को शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने शिक्षा विभाग, सीबीएसई, केंद्रीय विद्यालय संगठन, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एसओपी के स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की।
स्कूलों को लेकर हाल में केंद्र सरकार से जारी एसओपी के मानकों पर पर सभी ने सहमति जताई। कहा कि इस एसओपी में सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही यूपी ने भी स्कूलों के लिए कुछ खास मानक तय किए हैं। राज्य के भौगोलिक हालात देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कुछ अलग है। उत्तराखंड में मैदानी और पहाड़ी दोनों क्षेत्र शामिल हैं। केंद्र और यूपी की एसओपी का अध्ययन करते हुए कुछ नए सुझावों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है।
स्कूलों में स्वच्छता, प्रवेश के लिए मास्क की अनिवार्यता, अभिभावकों की अनुमति, स्कूलों में सेनेटाइजेशन की व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने पर सभी एकमत रहे। सूत्रों के अनुसार राज्य स्तर पर एसओपी को अंतिम रूप देकर इस पर सीएम और मुख्य सचिव से भी अनुमति ली जाएगी। बैठक में शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अपर निदेशक वीएस रावत, जेडी भूपेंद्र सिंह नेगी, सीबीएसई के आरडी रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
केंद्र के मानक:
– स्कूल के परिसर का संपूर्ण सेनेटाइजेशन
– बिना मास्क के स्कूल में एंट्री नहीं होगी
– छात्र को जबरन नहीं बुलाया जा सकता
– पेरेंट की मंजूरी पर ही छात्र आएंगे स्कूल
– छह फीट की दूरी का अनिवार्य पालन
– स्कूल में हाथ धोने का पर्याप्त इंतजाम
– स्कूल वाहनों का नियमित सेनेटाइजेशन
– स्कूल में अटेंडेंस की बाध्यता नहीं होगी
– ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प भी देंगे स्कूल
स्कूलों को शुरू करने के लिए एसओपी तैयार की जा रही है। आज संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है। जल्द ही सभी पहलुओं के आधार पर एसओपी तैयार की जा रही है। सभी विभागों की सहमति और सुझावों को शामिल करते हुए एसओपी को अंतिम रूप दिया जाएगा।