प्रदेश में एक के बाद एक कई पत्रकारों की हत्याओं और उनके ऊपर हुए हमले ने सरकार के कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है! बीते कुछ दिनों पूर्व लखनऊ के प्राइम न्यूज़ चैनल के पत्रकार नितिन कुमार पर एक समाचार कवरेज के दौरान हुए हमले पर उप्र की पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाया। प्रदेश की राजधानी में एक सक्रिय पत्रकार पर हुए हमले पर सरकार भी मौन है! बुल्डोजर चलाने में माहिर इस सरकार में अन्याय के खिलाफ कदम उठाने का जज्बा मर चुका है! बुल्डोजर अभियान तो मानो बस हौआ खड़ा करने का एक बहाना है।
उक्त बातें उप्र कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अमित गुरु ने अपने एक बयान में कही!
श्री गुरु ने कहा कि प्रदेश में एक के बाद एक आए दिन हो रही हत्याओं ने जनता के अंदर सुरक्षा को लेकर अविश्वास पैदा कर दिया है! ऐसे में जब लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरियों पर भी अपराधी हावी हो जाएं,उन पर हमले करें,उनकी हत्या करें और सरकार चुप रहे तो निःसन्देह आप ये समझ सकते हैं कि सरकार आपके सुरक्षा को लेकर भी आपको आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित कर रही है।
श्री गुरु ने कहा कि पत्रकार नितिन के ऊपर हुए हमले में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी न होना एक तरफ जहां शर्मनाक है वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा पत्रकारों को खौफ़जदा करने का कुत्सित प्रयास भी लगता है!
अपनी कवरेज सुधार लो,मैं मंत्री के परिवार से हूँ के लहजे में धमकी देने वाले अपराधी ने मानो यही संदेश दिया है कि पत्रकार नितिन सत्ता पक्ष के खिलाफ मुखर आवाज न बने!
श्री गुरु ने अपने बयान के माध्यम से सरकार से सवाल पूछा है कि अपराधियों की तस्वीर ,हमले के समय पत्रकार के कैमरे में कैद वीडियो और हमले में प्रयोग गाड़ी के नम्बर के खुलासे के बाद भी अपराधी पकड़ से दूर कैसे हैं? क्या सरकार विपक्षियों के साथ साथ अब पत्रकारों का भी उत्पीड़न करने पर आमादा है? मैं सरकार से मांग करता हूँ कि वह अपनी चुप्पी तोड़े, पुलिस की जांच प्रक्रिया की प्रगति का आंकलन कर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे! इस पूरे प्रकरण में लखनऊ पुलिस किसी बड़े चेहरे को बचाने में लगी है,पुलिस ऐसा इस लिए ही कर पा रही है क्योंकि उसे सरकार नाम का या तो डर नही है या फिर उसे इस मामले में सरकार की ही शह मिली हुई है!