बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) नहीं रहे। उनके दिल व किडनी ने ठीक से काम करना बंद कर दिया था। इस वजह से कुछ दिनों से उन्हें आइसीयू में एक्मो (एक्सट्रोकॉरपोरियल मेमब्रेंस ऑक्सीजनेशन) मशीन के सपोर्ट पर रखा गया था। गुरुवार की शाम 6:05 बजे उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 74 वर्ष के थे। शुक्रवार की सुबह उनका शव नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में केमिकल ट्रीटेमेंट के बाद दिल्ली निवास पर ले जाया गया है। वहां श्रद्धांजलि देने वाले आ रहे हैं। श्रद्धांजलि देने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय कैबिनेट के मंत्रीगण शामिल रहे। अपराह्न काल में रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा।
राम विलास पासवान के निधन के बाद देश में शोक का माहौल है। उनके निधन के बाद शोक में राष्ट्रपति भवन पर राष्ट्रध्वज झुका दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पक्ष-विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय कैबिनेट के मंत्रिगण उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके दिल्ली आवास पर पहुंचे।
कुछ दिनों से दिल्ली के अस्पताल में करा रहे थे इलाज
राम विलास पासवान की तबीयत बीते कुछ समय से खराब चल रही थी। करीब एक सप्ताह पहले अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण तीन अक्टूबर को उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा था। इसके बाद गुरुवार की रात दिल्ली के फाेर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में अंतिम सांस ली। वहां कार्डियोलोजिस्ट डॉ. अशोक सेठ के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गयी।
चिराग पासवान ने किया ट्वीट: आप हमेशा साथ हैं
चिराग पासवान ने पिता की मौत की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन वे जहां भी हैं, साथ हैं।
माना जाता था राजनीति का मौसम वैज्ञानिक
राम विलास पासवान को राजनीति का बड़ा मौसम वैज्ञानिक माना जाता था। सरकार किसी की भी रही, राम विलास पासवान हमेशा सत्ता में रहे। खास बात यह रही कि उन्होंने हमेशा चुनाव के पहले गठबंधन किया, चुनाव के बाद कभी नहीं। आपात काल के दौरान इंदिरा गांधी से लड़ने से लेकर अगले पांच दशकों तक पासवान कई बार कांग्रेस के साथ, तो कभी खिलाफ चुनाव लड़ते और जीतते रहे।
आधी सदी का राजनीतिक जीवन, बनाया जीत का वर्ल्ड रिकार्ड
करीब आधी सदी के अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने 11 चुनाव लड़े, जिनमें नौ में उनकी जीत हुई। पासवान के पास छह प्रधानमंत्रियों के साथ उनकी सरकार में मंत्री रहने रिकॉर्ड है। पासवान ने 1977 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट से जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़जे हुए चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद 2014 तक उन्होंने आठ बार लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की। वर्तमान में वे राज्यसभा के सदस्य तथा नरेंद्र मोदी सरकार में उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री थे।
पटना में राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
राम विलास पासवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया। वहां केमिकल ट्रीटमेंट के बाद अंतिम दर्शन के लिए उनके सरकारी निवास 12 जनपथ पर रखा गया है। दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर पटना ले जाया जाएगा। वहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार शनिवार को होगा।