- विद्या भारती का प्रयास भारत को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा: अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल
- डिजिटल लर्निंग शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति: डॉ. जय प्रताप जी
- एलएमएस एप एक ऐसा वर्चुअल स्कूल है, जहां सभी विषयों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध: सौरभ जी
विद्या भारती का प्रयास भारत को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। नई शिक्षा नीति के अनुकूल विद्या भारती के विद्यालयों में शिक्षा देने का कार्य देश और प्रदेश की सरकार के स्वप्न को साकार करने जैसा है। उक्त बातें बुधवार को यूपी सरकार में अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल जी ने लखनऊ के निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज में प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केंद्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन समारोह के दौरान कहीं।
बतौर मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल जी ने कहा कि किसी भी देश के आत्म निर्भर बनने में शिक्षा की अहम भूमिका होती है। विद्या भारती ऐसी जनोपयोगी और रोजगारपरक शिक्षा दे रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके साथ आनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में जो अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं, वो काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हम खुद को जब तक आत्मनिर्भर नहीं बनाएंगे, तब तक विकसित देशों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. जय प्रताप जी ने नई शिक्षा नीति को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य देश में सभी लोगों को शिक्षित करना है, जो डिजिटल शिक्षा के जरिए संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि एक समय में बच्चों को पढ़ाने की सीमाएं सीमित हैं, लेकिन शिक्षक जैसे ही तकनीकि का सहारा लेता है, उसकी सीमाएं असीमित हो जाती हैं। डिटिजल शिक्षा के जरिए हम एक साथ लाखों को किसी विषय वस्तु की जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति है। विद्याभारती भी डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन समाज और देश के लिए हमें आगे आना होगा।
सौरभ जी ने विद्या भारती एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) और विद्या प्रबोधन एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एलएमएस एप एक ऐसा वर्चुअल स्कूल है, जहां सभी विषयों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है। इस एप के जरिए छात्र घर बैठे आनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। इस एप से जुड़ने के बाद छात्र को स्कूल जैसा ही माहौल मिलेगा, जिसमें छात्र और शिक्षक आपस में किसी सवाल को लेकर चर्चा भी कर सकते हैं। इसके साथ ही एप में छात्रों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के लेक्चर और नोट्स मिलेंगे। उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने छात्रों को गुणवत्तापरक और रोजगारपरक शिक्षा देने के संकल्प के साथ इस एप को शुरू किया है, जिसका फायदा लाखों छात्रों को मिलेगा।
कार्यक्रम का संचालन दिनेश जी ने किया और अतिथियों का आभार उमाशंकर जी ने व्यक्त किया। कार्यक्रम से पहले अमिताभ बनर्जी ने शिक्षकों को तकनीकि प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर हेमचंद्र जी, रेखा चूड़ासमा जी, राजेन्द्र बाबू जी, भास्कर जी, योगेश जी सहित विद्या भारती के कई अधिकारी और तकनीकि विशेषज्ञ मौजूद रहे।