1 अक्टूबर को अधिक मास की पूर्णिमा है। इस दिन भगवान श्रीविष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है। इस दिन धर्म और पुण्य कार्य करने के लिए सर्वोत्तम होता है क्योंकि अधिक मास में पूजन-पाठ करने से अधिक पुण्य मिलता है। इस दिन श्राद्ध, स्नान और दान से कल्याण होता है। अधिक मास की पूर्णिमा पर विधि-विधान के साथ जाने वाले धर्म-कर्म से करोड़ गुना फल मिलता है। पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए इस दिन में पुण्य कर्म अवश्य करना चाहिए।
इस बार आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 सितंबर 2020, बुधवार को 12:25 मिनट से हो रहा है और इस तिथि की समाप्ति 1 अक्टूबर, गुरुवार को 02:34 मिनट पर होगी। इस दौरान विष्णु और लक्ष्मी मां के मंत्रों को जाप करना अतिफलदायी रहेगा।
इस दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए-
* ‘श्री महालक्ष्म्यै नमः’
* ‘श्री ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’
* ‘श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।’
* ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
* श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
* ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
* ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
सिर्फ पूर्णिमा के दिन ही नहीं अपितु पुरुषोत्तम मास में इनमें से किसी एक मंत्र का जाप कम से कम 1 माला अवश्य करना चाहिए। मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपार धन और अद्भुत शक्तियां देकर जीवन की परेशानियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।