सीबीआई अदालत का फैसला, सभी के खिलाफ नहीं मिले कोई साक्ष्य
लखनऊ। अयोध्या में छह दिसम्बर, 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया है। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती और महंत नृत्य गोपाल दास समेत 49 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी। इनमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। फैसला सुनाते हुए जज एसके यादव ने कहा कि सभी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं। फैसले में कहा गया है कि फोटो, वीडियो, फोटोकॉपी में जिस तरह से सबूत दिए गए हैं, उनसे कुछ साबित नहीं होता है।
बरी किये गए 32 आरोपित : लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर। इन 32 में से 26 आरोपित आज लखनऊ की सीबीआई विशेष अदालत में पेश हुए जबकि 6 आरोपित लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान और नृत्य गोपास दास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट की कार्यवाही में जुड़े।
इन 17 लोगों का हुआ निधन : इस मामले के 17 आरोपियों की मौत हो चुकी है। इनमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल हैं।