बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को इंडियन प्रीमियर लीग 2020 (IPL 2020)में नहीं खेल पाने पर अफसोस हो रहा है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने इस तेज गेंदबाज को टूर्नामेंट में खेलने के लिए नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं दिया। बांग्लादेश को श्रीलंका के खिलाफ सीरीज खेलनी थी और इसी के चलते उन्हें आइपीएल में खेलने की अनुमति नहीं मिली। अब कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण इसे रद करना पड़ा।
इसके बाद मुस्तफिजुर ने कहा कि अगर बीसीबी को पता था कि श्रीलंका के खिलाफ सीरीज को स्थगित कर दिया जाएगा, तो उन्हें मुझे आइपीएल के लिए एनओसी देना चाहिए थे। लेकिन जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है। आइपीएल में खेलकर मैं 1 करोड़ बीडीटी (बांग्लादेश टका) कमा सकता था। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइटराइडर्स की टीमों ने उनके अपने साथ जुड़ने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले बीसीबी ने चोट की समस्या के कारण 2015-16 में पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में हिस्सा लेने के लिए मुस्तफिजुर को एनओसी देने से इनकार कर दिया था। टूर्नामेंट न खेलने से हुए नुकसान के लिए बोर्ड ने उन्हें 30 लाख बीडीटी (बांग्लादेश टका) दिया था। हालांकि, बीसीबी ने साफ कर दिया है कि इस बार बोर्ड ऐसा नहीं करेगा।
बांग्लादेश-श्रीलंका सीरीज रद
सोमवार को बांग्लादेश का श्रीलंका दौरा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड कोरोना महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के तहत 14 दिनों के अनिवार्य क्वारंटाइन पर राजी नहीं हुए। बांग्लादेश को शुरुआत में तीन टेस्ट मैचों के लिए जुलाई-अगस्त में श्रीलंका का दौरा करना था लेकिन कोरोना संकट के कारण इसे टाल दिया गया था। मौजूदा कार्यक्रम के अनुसार बांग्लादेश को 27 सितंबर से श्रीलंका के दौरे पर जाना था, जिसमें पहला टेस्ट 23 अक्टूबर से खेला जाता।
14 दिन के क्वारंटाइन पर नहीं बनी बात
श्रीलंका के स्वास्थ्य अधिकारी चाहते थे कि उनके देश में आने के बाद बांग्लादेश की टीम 14 दिन के क्वारंटाइन से गुजरे, जिससे बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) सहमत नहीं थी। दोनों बोर्ड 14 दिन के क्वारंटाइन को लेकर बात कर रहे थे, जिसके बाद बीसीबी अध्यक्ष नजमुल हसन पापोन ने स्पष्ट कर दिया कि अगर क्वारंटाइन के दिनों को कम नहीं किया गया तो बांग्लादेश की टीम दौरे पर नहीं जाएगी। इस मामले का हल निकालने के लिए क्रिकेट श्रीलंका ने अपने स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रस्ताव दिया था कि बांग्लादेश की टीम को दोनों देशों में मिलाकर दो हफ्ते के क्वारंटाइन की स्वीकृति दी जाए, लेकिन इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।