नागोर्नो कारबाख को लेकर अमेरिका में सियासत तेज हो गई है। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीति पर सवाल उठाया। उन्होंने नागोर्नो कारबाख के विवादित क्षेत्र में तनाव के भड़कने पर चिंता व्यक्त की गई है। रविवार को एक अपने एक बयान में डेमोक्रेटिक प्रत्याशी ने कहा कि मैं वहां तत्काल युद्ध विराम के लिए आह्वान कर रहा हूं।
बिडेन ने ट्रंप प्रशासन पर साधा निशाना
उन्होंने चेतावनी दी कि वहां शत्रुता के बढ़ने से एक बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष हो सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन को इसके समाधान के लिए अपने राजनयिक प्रयासों को और तेज करना चाहिए। इसके समाधान के लिए फ्रांस और रूस का भी सहयोग लेना चाहिए। बिडेन ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए मिन्स्क समूह के सह अध्यक्ष फ्रांस और रूस को एक शांतिपूर्ण संकल्प लाना चाहिए।
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो कारबाख
गौरतलब है कि आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो कारबाख को लेकर लड़ाई भड़क गई है। रविवार को हुए संघर्ष में कम से कम 23 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में सैनिकों के साथ-साथ आम नागरिक भी शामिल है। दोनों देशों में जारी गोलीबारी के चलते दक्षिण कॉकस क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा उत्पन्न हो गया है। यह दुनिया के बाजारों में तेल और गैस परिवहन का कॉरिडोर है।
दोनों ओर से हवाई और टैंक से हमले किए गए
वर्ष 2016 के बाद से दोनों देशों के बीच यह सबसे भीषण जंग है। दोनों ओर से हवाई और टैंक से हमले किए गए हैं। हालात को देखते हुए दोनों देशों ने मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। अजरबैजान में रविवार को कर्फ्यू भी लगाया गया था। नागोर्नो-काराबाख की तरफ से कहा गया है कि उसके 16 सैनिक मारे गए और अजरबैजान की सेना के साथ संघर्ष में 100 से अधिक घायल हुए हैं। अजरबैजान के प्रॉसीक्यूटर जनरल के कार्यालय ने कहा कि आर्मेनिया के अलगाववादी बलों ने अजरबैजान के गैसहल्टी गांव पर हमला किया, जिसमें आम नागरिक मारे गए। दोनों देश एक-दूसरे पर युद्ध थोपने का आरोप लगा रहे हैं। आर्मेनिया ने दावा किया है कि उसने अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराया और 33 टैंक एवं युद्धक वाहन को नेस्तानाबूद कर दिया।
नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र का लंबा विवाद
पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है। अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना मानता है। हालांकि 1994 की लड़ाई के बाद यह क्षेत्र अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है, इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है। दोनों देशों के सैनिक इस क्षेत्र में भारी संख्या में तैनात हैं। लगभग 4,400 किलोमीटर में फैला नागोर्नो-कारबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है।