पीएम नरेंद्र मोदी आज 69वीं बार अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के बारे में बात करते हुए कहा कि, ‘कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवारों के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है।’
पीएम मोदी ने कहा कि, हमें, जरुर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थी, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है। हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियाँ सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ‘कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं। कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती हैं।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-गोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहां कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है। मैं कथा सुनाने वाले सभी से आग्रह करूंगा कि क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको कथाओं में प्रचारित कर सकते हैं। विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब हमारी नयी पीढ़ी को कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं।