भारतीय सैनिक अब फिंगर 4 पर भी पहुंच गए हैं जहां वे चीनी सैनिकों से आई-बॉल-टू-आई-बॉल हैं यानि एकदम आमने सामने. कुछ दिन पहले ही भारतीय सेना ने कहा था कि पैंगोंगे-त्सो लेक के उत्तर में सैनिकों की तैनाती को रि-एडजस्टमेंट किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय सेना ने पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में जिन जिन चोटियों (गुरंग हिल, मगर हिल, मुखपरी, रेचिन ला) पर अपना अधिकार जमाया है वहां-वहां अपने कैंप के चारों तरफ कटीली तार लगा दी है.
साथ ही चीनी सेना को साफ कर दिया है कि अगर किसी चीनी सैनिक ने इन कटीली तारों को पार करने या हटाने की कोशिश की तो उसका एक प्रोफेशनल आर्मी की तरह जवाब दिया जाएगा.
चीन के 50 हजार सैनिक तैनात
एक अनुमान के मुताबिक, चीन के करीब 50 हजार सैनिक पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात हैं. भारत ने भी मिरर-डिप्लोयमेंट की है यानि चीन की बराबर 50 हजार सैनिक तैनात किए हैं यहां पर. क्योंकि ब्रिगेडियर स्तर की मीटिंग में कुछ नहीं निकल रहा है इसलिए आने वाले दिनों में कोर कमांडर स्तर की बैठक हो सकती है.
लेह में वायुसेना की नाइट कॉम्बेट एयर पैट्रोलिंग हो रही है. यानि दिन के साथ साथ अब रात में भी वायुसेना के फाइटर जेट्स हवाई निगरानी कर रहे हैं.
भारतीय, चीनी सेना के कमांडरों की मुलाकात
भारत और चीन की थल सेनाओं के कमांडरों ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में मुलाकात की. उन्होंने, सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ने से रोकने के तरीके तलाशने को लेकर ‘हॉटलाइन’ पर संदेशों का आदान-प्रदान भी किया. मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इतर भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली एक अहम बैठक की पूर्व संध्या पर यह पहल की गई.
पूर्वी लद्दाख में स्थिति ‘तनावपूर्ण’ बनी हुई है और चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के 30-40 सैनिक पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रीजलाइन में एक भारतीय चौकी के नजदीक एक स्थान पर जमे हुए हैं.