विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को चेताया है कि वह दूसरी महामारी के लिए तैयार रहे. कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके प्रभाव को देखते हुए यह बात WHO के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अधनोम घ्रेबेसिस ने सोमवार देर शाम को कही. टेड्रोस ने यह भी कहा कि दुनियाभर के देशों को अगली महामारी से पहले पब्लिक हेल्थ में काफी पैसा निवेश करना चाहिए नहीं तो कोरोना जैसे हालत की आशंका है.
डॉ. टेड्रोस ने कहा कि नोवेल कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में 2.71 करोड़ लोग संक्रमित हुए और 8.88 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. कोविड-19 ने दुनिया की ये हालत सिर्फ दिसंबर 2019 से लेकर अब तक कर दी है. अब भी कई देशों में इसकी भयावहता बढ़ती जा रही है. इसे नियंत्रित करना मुश्किल दिख रहा है.
WHO प्रमुख ने जेनेवा में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि यह कोई आखिरी महामारी नहीं है. इतिहास कई महामारियों का गवाह रहा है. ये महामारियां जीवन की सच्चाई हैं. ये खत्म नहीं होतीं. लेकिन इससे पहले की दूसरी महामारी दुनिया पर हमला करे, उससे पहले हमें पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए.
दुनिया भर के देशों को संभावित बीमारियों की वैक्सीन और दवाओं पर मिलकर शोध करना चाहिए. पब्लिक हेल्थ में ज्यादा से ज्यादा पैसा लगाता चाहिए. वैक्सीन और दवाओं के तत्काल निर्माण और बाजार में लाने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि जब भी कोई महामारी फैले तो उसे तुरंत नियंत्रित किया जा सके.
WHO के एक एक्सपर्ट ने स्पष्ट कहा है कि इस साल के अंत तक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं मिलेगी. लोगों को उम्मीद थी कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन लोगों को मुहैया हो जाएगी.
लेकिन ऐसा नहीं होगा. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से यूरोप, अमेरिका, मेक्सिको और रूस को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं. WHO के इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख माइक रयान ने कहा कि दुनियाभर के रिसर्चर्स बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. ताकि वैक्सीन बनाई जा सके. लेकिन बाजार में वैक्सीन इस साल के अंत तक नहीं आ पाएगी.
माइक रयान ने कहा कि जो भी वैक्सीन आएगी वो अगले साल यानी 2021 के शुरूआती महीनों में आएगी. उन्होंने आगे कहा कि इस समय हर दिन जितने कोरोना के मामले आ रहे हैं, वो रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं.
माइक इस समय WHO की उस टीम के प्रमुख हैं जो यह देखेगी कि दुनिया के सभी देशों को सही समय पर सही मात्रा में वैक्सीन मिले. रयान ने कहा कि इस समय दुनियाभर के वैज्ञानिक तेजी से वैक्सीन बनाने में जुटे है. वो बेहतरीन काम कर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ ने जोर देकर कहा था कि वह कभी ऐसी वैक्सीन का समर्थन नहीं करेगा, जो जल्दबाजी में विकसित की गई हो और प्रभावशाली के साथ सुरक्षित साबित न हुई हो. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मौजूदा वक्त में 37 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं.
डब्ल्यूएचओ तकरीबन 188 वैक्सीन की निगरानी कर रहा है और इनमें से कुछ ट्रायल के फाइनल स्टेज में हैं. 188 में 9 अंतिम चरण में हैं. अंतिम चरण में कंपनियां हजारों वॉलंटियर पर अपने वैक्सीन का परीक्षण कर रही हैं, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं.