बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग संस्थान में 300 बेड के कोविड अस्पताल का किया शुभारम्भ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल चिकित्सा संस्थान में 300 बेड के डेडीकेटेड कोविड अस्पताल का शुभारम्भ किया। उन्होंने 100 बेड के हॉस्टल, बीएसएल-3 लैब और गेस्ट हाउस का भी लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी जा रही है। जैसे हमने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ लड़ाई लड़ी और 95 फीसद मौतों को नियंत्रित करने में सफलता पाई है, उसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश कोरोना के खिलाफ खड़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की जनता को इस 300 बेड के डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल को समर्पित करते हुए मुझे प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। आज हम प्रदेश की पहली बीएसएल-3 लैब भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज से प्रारम्भ कर रहे हैं। साथ ही पीजी छात्रों के लिए 100 बेड के हॉस्टल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज गेस्ट हाउस का भी लोकार्पण कर रहे हैं। इनकी आवश्यकता का अनुभव हमने कोविड-19 कालखंड के दौरान किया होगा।
कोरोना के दौरान आइसोलेशन वॉर्ड में काम कर रहे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्नीशियन आदि सीधे अपने घर जाने के बजाय इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रहते हैं। इस दृष्टि से बीआरडी मेडिकल कॉलेज को समर्पित सुविधाएं कोरोना से लड़ाई में असरदार साबित होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर और बस्ती कमिश्नरेट में लेवल-3 का एक मात्र हॉस्पिटल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक था, उसमें सिर्फ 200 बेड थे। इसमें से महज 20 आईसीयू बेड थे। आज हमारे पास सिर्फ कोविड मरीजों के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 70 आईसीयू बेड हैं। आज हम जो 300 बेडों का कोविड हॉस्पिटल उपलब्ध करा रहे हैं, इसमें 100 आईसीयू बेड हैं और 200 आइसोलेशन बेड शामिल हैं, यानी कोरोना के दृष्टिगत इसकी क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति या विभाग की नहीं बल्कि पूरे देश की है। इस लड़ाई को हर संस्था, नागरिक और परिवार को मजबूती के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के क्रम में आज हम सब यहां पर आए हैं।
वर्तमान में गोरखपुर, बस्ती समेत आस-पास के क्षेत्रों के लोगों के लिए पर्याप्त संख्या में आईसीयू बेड और आइसोलेशन बेड उपलब्ध कराए जा सकते हैं। एक डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल इस दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 100 बेड के हॉस्टल और गेस्ट हाउस प्रारम्भ होने से कैंपस में इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में चिकित्सा और पैरामेडिक्स के लिए पर्याप्त सुविधा भी उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय तीन प्रकार की टेस्टिंग आरटीपीसीआर, ट्रू-नेट व एंटीजन सुविधा हमारे प्रदेश में हैं। जिस समय कोविड का पहला केस प्रदेश में आया था, उस समय प्रदेश में कहीं भी कोविड टेस्ट की सुविधा नहीं थी। 23 मार्च को हमने केजीएमयू में पहली लैब प्रारम्भ की। हमने प्रदेश में 72 टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता से शुरुआत की। वहीं कल प्रदेश में एक दिन में 1.55 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं। प्रदेश में कोविड की लड़ाई को किस मजबूती के साथ लड़ा जा रहा है, यह उसका परिचायक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम बीआरडी मेडिकल कॉलेज में नई बीएसएल-3 लैब का उद्घाटन कर रहे हैं। निश्चित ही कंफर्मेटरी टेस्ट की दृष्टि से पूर्वांचलवासियों को एक अच्छी सुविधा यहां से मिल सकेगी। हमने प्रदेश में कोविड से मृत्यु दर व संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट को भी दुनिया के कई बड़े देशों की तुलना में काफी कम रखा है। यह टीम वर्क से सम्भव हुआ। प्रत्येक व्यक्ति और विभाग जब अपनी जिम्मेदारी समझेगा, तो उसके बेहतर परिणाम भी सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि यह जानते हुए भी कि कोरोना का संक्रमण है, अपनी जान जोखिम में डालकर हमारे कोरोना योद्धा पूरी तत्परता के साथ इस लड़ाई को लड़ रहे हैं। मेरा आप सबसे आग्रह है, जब तक वैक्सीन या कोई दवा नहीं आती है, तब तक हमें इसी रूप में लड़ते हुए कार्य करना होगा।
जब मरीज के पास उसके परिवार का कोई व्यक्ति नहीं जा सकता, तब हमारे कोरोना योद्धा पीपीई किट पहनकर मरीज के पास जाते हैं, हाल-चाल लेते हैं और सांत्वना देते हैं। ऐसे में मरीज को स्वस्थ कर, घर भेजने का एक बहुत बड़ा गुरुतर दायित्व आपके पास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना योद्धाओं को डॉक्टर और पैरामेडिक्स की ही नहीं बल्कि परिवार के सदस्य की भी भूमिका निभानी है। इस बड़ी भूमिका में ही कार्य करने की दृष्टि से मैं आपका आह्वान करने के लिए यहां पर आया हूंं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों का राउंड बेड-टू-बेड हो। पैरामेडिक्स, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन भी अगर वॉर्ड में हैं, तब भी डॉक्टर वॉर्ड में प्रत्येक व्यक्ति को देखें। यह डेथ रेट को कंट्रोल करेगा व व्यक्ति के मन में शासकीय व्यवस्था के प्रति नया विश्वास जागृत होगा। मेडिकल कॉलेज में साफ-सफाई रखी जाए। मरीजों को समय से भोजन प्राप्त हो और किसी प्रकार की असुविधा न हो। साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से दिन में कम से कम दो बार सम्पर्क करें। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के तापमान और ऑक्सीजन लेवल की भी जानकारी प्राप्त करें। अगर किसी को कोई परेशानी है तो उन्हें तत्काल हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था करें।
उन्होंने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे करते हुए प्रशासन का प्रयास होना चाहिए कि कोई भी सस्पेक्टेड केस मिले तो उसकी कोविड जांच करा ली जाए। कोविड टेस्ट में अगर कोई पॉजिटिव आए तो उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करते हुए कोरोना की चेन को हर स्तर पर रोकने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि अब हम लोग अनलॉक के चतुर्थ चरण में पहुंच चुके हैं। प्रशासन को जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों में गतिविधियों को प्रारम्भ करवाना चाहिए। अब बाजार भी दो दिन की जगह एक दिन बंद रखने की व्यवस्था की गई है। साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी तेजी से आगे बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को तेजी से रोजगार प्राप्त हो सके। कोरोना से बचाव के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए। थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता द्वारा कोरोना से व्यक्ति को बचाया जा सकता है।