रामपुर। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर नरम पड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष तथा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव आज रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पधारे थे।
मुलायम सिंह यादव ने इस दौरान पूर्व मंत्री आजम खां के कार्य को जमकर सराहा। उनसे जब उत्तर प्रदेश सरकार के काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा उत्तर प्रदेश की सरकार के बारे में हमको कुछ भी नहीं कहना है।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आज हमारा देश किसी से पीछे नहीं है। जब हम रक्षा मंत्री थे तब भी देश की सीमाओं पर माहौल खराब करने की कोशिश की गई और अब भी माहौल खराब करने की कोशिश की जाती रही है, लेकिन हमारा देश किसी से कमजोर नहीं है। उन्होंने केंद्र या प्रदेश सरकार के बारे में कोई विरोधी बयान नहीं दिया, लेकिन पूर्व मंत्री आजम खां की जमकर तारीफ की।
उन्होंने कहा कहा कि आजम खां ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना करा कर बड़ा काम किया है। इससे देश में युवाओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल रहा है। हम चाहते हैं कि जौहर यूनिवर्सिटी देश की नहीं, बल्कि दुनिया की नंबर वन यूनिवर्सिटी बने। उन्होंने कहा कि आजम खां के इस काम में हम पूरा सहयोग देंगे।
सपा के स्टार प्रचारकों की सूची से मुलायम का नाम गायब
समाजवादी पार्टी ने नूरपुर और कैराना उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। इस सूची में मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का नाम शामिल नहीं किया गया है। मुलायम और शिवपाल का नाम गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी नहीं था। नूरपुर और कैराना उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अखिलेश यादव का नाम तो है, लेकिन पिता मुलायम और चाचा शिवपाल सूची से गायब हैं।
नूरपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए जारी की गई सपा की सूची में जो नाम रखे गए हैं, वो हैं- अखिलेश यादव, किरनमय नंदा, मोहम्मद आजम खान, राम गोविंद चौधरी, राजेंद्र चौधरी, अहमद हसन, नरेश उत्तम पटेल, धर्मेंद्र यादव। मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई शिवपाल यादव पहले कई बार मौकों पर पार्टी में दरकिनार किए जाते रहे हैं। नूरपुर उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में मुलायम और शिवपाल का नाम न होना, इसलिए ज्यादा चौंकाता है, क्योंकि हाल ही में परिवार का झगड़ा खत्म होने की बात कही गई थी।