भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) से जुड़े संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी संबंधित पक्षों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद देश की उभरती हुई जरूरतों और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए PSL से जुड़े दिशा-निर्देशों में समीक्षा के बाद संशोधन किया गया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ‘छोटे एवं सीमांत किसानों’ और ‘कमजोर तबके’ के लिए तय लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट्स में ये जानकारी दी गई है।
आरबीआई ने कहा है कि पीएसएल से जुड़े नए दिशा-निर्देशों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत ऋण दिए जाने में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने की कोशिश की गई है। साथ ही जिन जिलों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत दिए जाने वाले कर्ज का फ्लो अपेक्षाकृत रूप से कम है, उन्हें अधिक वेटेज दिया गया है।
Reserve Bank of India (RBI) has comprehensively reviewed the Priority Sector Lending (PSL) guidelines to align it with emerging national priorities and bring sharper focus
on inclusive development, after having wide-ranging discussions with all stakeholders: RBI pic.twitter.com/PDhsXnCQUp— ANI (@ANI) September 4, 2020
RBI ने कहा है कि संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पंप को सौर-ऊर्जा आधारित बनाने के लिए सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना और कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट्स लगाने के लिए भी PSL स्कीम के तहत लोन मिल सकेगा।
इसके साथ ही इस पहल से नवीकरणीय ऊर्जा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा। इसकी वजह यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कर्ज की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। इसके साथ ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी लोन की सीमा को दोगुना तक बढ़ाया गया है।