बी. रामलिंगा राजू की याचिका पर हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने नेटफ्लिक्स ऑरिजनल वेबसीरीज ‘बैड बॉय बिलेनियर-इंडिया’ की स्ट्रीमिंग पर अंतरिम रोक लगा दी. राजू सत्यम कंप्यूटर से जुड़े कई करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी करार दिए गए थे.
‘बैड बॉय बिलेनियर-इंडिया’ ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ऑरिजनल वेबसीरीज है. यह बुधवार को प्रसारित की जानी थी. इसमें किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख और करोड़ों रुपये के बैंक गबन मामले में वांछित आरोपी विजय माल्या, पीएनबी घोटाले में संलिप्त नीरव मोदी, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय सहारा समेत सत्यम कंप्यूटर्स के रामलिंगा राजू की भी कहानी दिखायी गयी है.
राजू की याचिका पर अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश बी. प्रतिमा ने अमेरिका की नेटफ्लिक्स इंक, नेटफ्लिक्स एंटरटेनमेंट सर्विसेस इंडिया एलएलपी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के नोडल अधिकारी को नोटिस जारी किया. साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 नवंबर तय की गयी है.
‘डॉक्यूमेंट्री सीरीज’ अधिकार उल्लंघन
राजू ने अपनी याचिका में कहा कि यह ‘डॉक्यूमेंट्री सीरीज’ उनके निष्पक्ष कानूनी वाद लड़ने और निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. इसके अलावा देशभर में उनकी छवि को खराब करने की कोशिश भी है. उन्होंने अपनी याचिका में इसका ट्रेलर जारी करने को भी अपनी मानहानि और मीडिया ट्रायल करना बताया, जबकि उनके खिलाफ अभी मामला न्यायालय में चल रहा है.
रामलिंगा राजू को 7 साल की सश्रम सजा
अप्रैल 2015 में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक राजू एवं अन्य 9 लोगों को 7,000 करोड़ रुपये के लेखा घोटाले में सात साल की सश्रम कारावास सजा सुनायी थी. यह घोटाला वर्ष 2009 में सामने आया था. मई 2015 में राजू और अन्य के उच्च न्यायापालिका में अपील दाखिल करने के बाद मेट्रोपोलिटन सत्र अदालत ने उनकी सात साल की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
इस बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने नेटफ्लिक्स की बिहार की एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया. बिहार की अदालत ने इस सीरीज में सुब्रत राय के नाम के इस्मेमाल को लेकर रोक लगायी थी. जबकि पीएनबी घोटाले में आरोपी मेहुल चौकसी की इसी सीरीज के पूर्व- प्रसारण को लेकर दायर याचिका 28 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी.