भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह कोलकाता पहुंच गए हैं। अमित शाह जैसे ही एनएससी बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर निकले यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखा और भाजपा विरोधी नारे लगाए। आज यहां अमित शाह जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। लेकिन, कोलकाता के मेयो रोड में सभास्थल पर भी टीएमसी का सियासी विरोध देखने को मिल रहा है। दरअसल, जहां अमित शाह की सभा होनी है उस इलाके में और वहां आसपास की सड़कें टीएमसी के झंडों से पटी पड़ी हैं। पोस्टर पर लिखा हुआ है ‘एंटी बंगाल भाजपा गो बैक’। सिर्फ सड़क के किनारे ही नहीं यहां तक कि मंच के आसपास भी तृणमूल के झंडों की बाढ़ है। जहां भाजपा की रैली के लिए मंच तैयार किया जा रहा है वहां तृणमूल के झंडे भ्रमित कर देते हैं कि यहां भाजपा की रैली है या तृणमूल की।
तृणमूल का दावा 15 अगस्त की तैयारी में लगाए गए झंडे
झंडों के बारे में जब तृणमूल के नेताओं से पूछा गया तो उन लोगों का कहना है कि 15 अगस्त की तैयारी के मद्देनजर तृणमूल के झंडों और हमारी नेता ममता बनर्जी के पोस्टरों से सजा रहे हैं। इसमें अमित शाह की मीटिंग का कोई मामला नहीं है। वैसे यह पहली बार नहीं है। इससे पहले जून में अमित शाह के पुरुलिया व वीरभूम दौरा हो या फिर 16 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी की सभा। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने पूरे इलाके को ममता व तृणमूल के झंडे से पाट दिया था।
भाजपा का पलटवार
बंगाल भाजपा के महासचिव राजू मुखर्जी ने कहा, यह अच्छी बात है कि वे अमित शाह का स्वागत कर रहे हैं, ऐसा उन्होंने पश्चिमी मेदिनीपुर और पुरुलिया में भी किया था, यह अच्छी अनुभूति दे रहा है कि ममता की पार्टी अमित शाह का स्वागत कर रही है। यह तृणमूल की रणनीति है कि वह अपने झंडों के जरिए इलाके में अपना दबदबा दिखाए। इसलिए अब बीजेपी मेयो रोड पर अपने झंडे लगाने की तैयारी में है। जिसके बाद भाजपा की रैली के इस इलाके में दोनों पार्टियों के बीच फ्लैग वॉर होने की पूरी उम्मीद है।
रांची से बुलाई गए डेकोरेटर
पश्चिम बंगाल में पंडाल के कारीगरों की कारीगरी देशभर में मशहूर है। लेकिन, पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में पंडाल गिरने की घटना से भाजपा ने इस बार सबक लिया है। भाजपा नेतृत्व ने इस बार कोलकाता नहीं बल्कि रांची के डेकोरेटर पर भरोसा जताया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष देवजीत सरकार ने बताया कि रांची के डेकोरेटर से शाह की सभा का मंच तैयार कराया जा रहा है। ये डेकोरेटर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पसंद है और लंबे समय से झारखंड व बिहार में कई मंच तैयार करते आ रहे हैं। गौरतलब है कि कोलकाता में मोदी के भाषण के दौरान ही पंडाल गिर गया था। उस घटना में 90 लोग जख्मी हो गए थे। इसे लेकर प्रदेश भाजपा की काफी फजीहत हुई थी। ऐसे में अमित शाह की सभा के लिए पार्टी कोई जोखिम नहीं लेना चाह रही।
भाजपा समर्थकों की बस पर हमला
पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच जबरदस्त सियासी घमासान देखने को मिल रहा है। अमित शाह की रैली में शामिल होने के लिए कोलकाता आ रहे भाजपा समर्थकों की बस पर हमला किया गया है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात कोलकाता जा रही बीजेपी समर्थकों से भरी बस पर पश्चिमी मिदनापुर के चंद्रकोर में हमला किया। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि शनिवार की योजना से राज्य की राजधानी कोलकाता को बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि कोलकाता को छोड़कर, हम एनआरसी के विरोध में पूरे राज्य में रैलियां आयोजित करेंगे। कोलकाता में रविवार को अलग से एक रैली निकाली जाएगी। साथ ही उन्होंने असम सरकार पर एनआरसी मसौदे से बंगालियों को जानबूझकर बाहर रखने का आरोप भी लगाया।
ड्रोन से निगरानी को नहीं मिली अनुमति
राज्य प्रशासन की तरफ से रैली की निगरानी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल से इनकार कर दिया गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमलोगों ने शनिवार को शाह की होने वाली रैली पर निगरानी रखने के लिए एक ड्रोन उड़ाने की कोलकाता पुलिस से अनुमति के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि ड्रोन से हमें रैली के दौरान नजर रखने में मदद मिलेगी। यह केवल सुरक्षा कारणों के लिए होगा।