लखनऊ। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए लगाई गई नौकाएं कहीं से भी क्षतिग्रस्त न हो और नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हो, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नौका परिचालन के समय उसकी क्षमता से अधिक व्यक्ति व सामान का वहन उससे न किया जा रहा हो। नौकाओं का परिचालन अनुभवी नाविकों से कराये जाने के निर्देश दिये हैं। राहत आयुक्त ने बाढ़ की ताजा स्थिति के बारे में बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित हैं। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है।
वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, शाहजहांपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 875 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुर खीरी), शारदा बैराज (लखीमपुर खीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 07 टीमों को मिलाकर इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी हैं। 1,107 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं।
बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,00,009 खाद्यान्न किट व 2,27,496 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 296 मेडिकल टीम लगायी गयी है। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी है। प्रदेश में 380 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 6,71,261 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,789 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।