इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ डिप्रेशन को दूर करता है कद्दू

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भोजन पर देना होगा ध्यान -डॉ.एसके राय

लखनऊ। शादी या ब्रह्मभोज के अवसर पर अवध क्षेत्र में कद्दू या काशी फल की सब्जी अवश्य बनती है। इसको शुभ के रूप में देखा जाता है। यह शुभता सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही शरीर की पित्त का भी नाशक है। जब इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने में सहायक होगा तो निश्चय ही कोरोना संक्रमण से लड़ने में सहायक होगा। शरीर को ठंडक भी देता है। जब पाचन क्रिया अच्छी होगी तो नींद अच्छी आएगी। इसके साथ ही यह डिप्रेशन को दूर करने में भी सहायक होता है।

इस संबंध में आयुर्वेदिक डॉ एसके राय के मुताबिक इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाना कोई एक दिन का काम नहीं है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को हमेशा अपने भोजन पर ध्यान देना होगा। कद्दू अथवा कुम्हड़ा तामसिक प्रवृति का होने के साथ ही दिमाग, यकृत, प्रोस्टेट ग्रंथि को मजबूती प्रदान करता है। कद्दू के एक कप बीज में सामान्य तौर पर जिंक की 44 प्रतिशत मात्रा, तांबा 22 प्रतिशत, मैग्नेशियम 42 प्रतिशत, मैगनीज 16 प्रतिशत, पोटेशियम 17 प्रतिशत और लौह तत्वों की उपस्थिति 17 प्रतिशत होती है। उन्होंने कहा कि लौह तत्वों की कमी से होने वाली रक्त अल्पता यानि एनीमिया के लिए ये सबसे उत्तम औषधि हो सकते हैं।

डॉ. राय के अनुसार रजोनिवृति पर हृदय विकारों और रक्त प्रवाह से जुड़ी अन्य समस्याओं में कद्दू के बीजों से प्राप्त तेल को बेहत कारगर बताया गया है। उन्होंने बताया कि निद्राजनक कद्दू मस्तिष्क को बल व शांति प्रदान करता है। इस कारण यह मस्तिष्क के अनेक मनोविकार जैसे मिर्गी, अनिद्रा, गुस्सा, डिप्रेशन, असंतुलन आदि में लाभदायक है। इसके सेवन से कोलेस्ट्राल की मात्रा कम बनी रहती है। इसके साथ ही इसमें पाये जाने वाले डायटरी फाइबर से पेट की बीमारियों में आराम मिलता है। डॉ. राय ने बताया कि इसमें पाया जाने वाला जिंक के कारण हड्डी का रोग आस्टियोपोरोसिस से निजात मिलती है। इस रोग में हड्डियां खोखली हो जाती हैं और यह जिंक की कमी के कारण होता है।

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