किसान न होते तो शायद आज दुनिया में हर कोई अपने घर में भूखा बैठा हुआ खाने के लिए तरसता होता. न सिर्फ आज का युवा किसान की वजह से अपना जीवन यापन करता हैं बल्कि सबसे ज्यादा किसान पर ही निर्भर हैं. सोने की चिड़िया कहलाना वाले भारत देश में किसान अपनी फसलों को सोना मानते हैं. इस सोने को किसान अपने खेत में उगाकर देश के कोने-कोने में पंहुचाते हैं.
वह अपनी मेहनत से संसार का पेट भरते हैं. सिर्फ किसान ही है जो धरती की खूबसूरती को बारीकियों को समझता हैं यही नहीं बल्कि वह मौसम के बदलते मिजाज के साथ हर बात का अंदाज़ा लगा लेते हैं. भारत के लगभग 70% लोग किसान हैं. इतिहास के पन्नों का जब पलटा जाता हैं तो उसमे चंपारण का गांधी-अध्याय का जिक्र जरूर होता हैं.
बता दें कि चम्पारण बिहार जिले का एक राज्य में मौजूद लोगों से जबरदस्ती निल की खेती करवाई जाती थी जिससे यहां के किसान बहुत परेशान रहते थे. परेशानी की वजह यह थी कि जब भी किसान निल की खेती करते थे तो उनकी जमीन ख़राब हो जाती थी जिससे वह अपनी दूसरी फसल नहीं उगा पाते थे.
हालांकि आज भी किसान समस्याओं से जूझ रहा है लगातार किसान के मौत की खबरें आती हैं कोई ख़ुदकुशी कर रहा हैं तो फसल को लेकर कर्ज में डूबा हुआ हैं. गौरतलब है कि भारत की एक प्रधान देश है लेकिन आज भी किसान की समस्या खत्म नहीं हुई हैं.
किसान की समस्याए
भारत की राजनीति : भारत की राजनीती की स्तिथि ऐसी हैं कि राजनेता गरीबो और किसानो के नाम पर वोट लेकर जीत हासिल कर लेता है और फिर बाद में जिताने वाली की समस्या को अनदेखा कर देता है. जितनी जल्दी के नेता वडा करता हैं उतनी ही जल्दी भूल जाता हैं.
भारतीय सोच : भारत के किसान ने अपनी एक सोच बना ली है कि वह कभी भी खेती से अधिक धन नहीं कमा पाते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं. दरअसल खेती के साथ-साथ उन्हें अपने पास कमाई के और भी सोर्स रखना चाहिए जिससे वे अधिक लाभ कमा सके.
किसान का कर्जा : भारत में ज्यादातर किसान कर्ज में डूबा हुआ है कुछ किसान सिर्फ कर्ज से परेशान होकर खुदखुशी कर लेते हैं.