छात्राओं ने बहुत कम लागत में बना डाली लाखों की बॉडी सैनिटाइजर मशीन

रानी लक्ष्मीबाई इंटर कॉलेज की छात्राओं ने कर दिखाया कमाल
एसडीएम ने किया शुभारम्भ, आॅफिस के लिए दिया पहला ऑर्डर

-समरेन्द्र वर्मा

लखीमपुर-खीरी : कोरोना से अब डर कर नहीं लड़कर ही जीता जा सकता है यह सोचना है खीरी के ग्रामीण अंचल में बने इंटर कॉलेज की कुछ होनहार छात्राओं का। उन्होंने कोरोना से लड़ाई के लिए एक पूरी तरह से आधुनिक बॉडी सैनिटाइजर मशीन बनाई है। यह मशीन वेट में जितनी हल्की है उतनी ही लागत में भी कम है। छात्राओं ने यह मशीन आईआईटी कानपुर (पीएचडी) प्रोफेसर नरेंद्र सिंह की देखरेख में बनाई है। लखीमपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर गोला मोहम्मदी मार्ग पर गांव शहाबुद्दीनपुर में स्थित रानी लक्ष्मी बाई इंटर कॉलेज की छात्राओं ने पूरी तरह से आधुनिक बॉडी सैनिटाइजर मशीन बनाई है। इस मशीन को बनाने में छात्रा शिवानी भार्गव, लवली यादव, जश्नप्रीत कौर व जसप्रीत कौर ने बहुत मेहनत की है। छात्राओं ने यह मशीन आईआईटी कानपुर से पीएचडी करने वाले प्रोफेसर नरेंद्र सिंह की देखरेख में बनाई है।

नरेंद्र सिंह ने मशीन की खूबियों और छात्राओं की मेहनत को बताते हुए कहा कि यह सभी इस बात से बेहद चिंतित थी। कि स्कूल बंद होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसा क्या किया जाए जो कोरोना का खात्मा हो सके। ऐसे में सभी के मन में पूरे शरीर को सैनिटाइज करने वाली मशीन का ख्याल आया और बच्चों ने इस पर मेहनत करना शुरू कर दिया, जिसका परिणाम आज आप लोगों के सामने हैं। उन्होंने बताया कि इस मशीन का वेट करीब 50 किलो हैं जिसमें फ्रेम का वेट करीब 30 किलो और बाकी 20 किलो अन्य उपकरणों का है। इस मशीन को आसानी से कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है। यह पूरी तरह से आधुनिक हैं इसमें जो सर्किट बनाया गया है वह पूरी तरह से आधुनिक और नई व्यवस्था का हिस्सा है। इसे दिन और रात दोनों ही समय इस्तेमाल किया जा सकता है। सेंसर से दूरी को घटाया और बढ़ाया जा सकता है। मशीन कितने समय तक चले यह टाइम भी सेट किया जा सकता है। यह मशीन बॉडी को पूरी तरह से सैनिटाइज करने में सक्षम है और इसकी लागत भी महज 30 हजार रुपए है। पूरी तरह से स्वदेशी इस मशीन का ज्यादातर सामान लोकल मार्केट से खरीदा गया है और जो उपकरण छोटा शहर होने के कारण यहां नहीं मिल पाए उन्हें ऑनलाइन मंगाया गया है।

मशीन के उद्घाटन के कार्यक्रम में पहुंचे उप जिला अधिकारी गोला अखिलेश यादव व खंड शिक्षा अधिकारी कुंभी राधेश्याम वर्मा द्वारा इस मशीन के निर्माण में लगे बच्चों की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई तो वहीं उप जिला अधिकारी अखिलेश यादव ने इन बच्चों को इस मशीन का पहला ऑर्डर दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज इस मशीन की आवश्यकता हर सरकारी और निजी कार्यालयों में है और बेहद सस्ती होने के कारण इसे आसानी से खरीदा जा सकता है। उप जिलाधिकारी अखिलेश यादव के अनुरोध के बाद स्कूल प्रबंधक संजय वर्मा एवं संदीप वर्मा सहित विद्यालय प्रधानाचार्य सर्वेश वर्मा ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर सरकारी, निजी कार्यालयों अथवा अस्पतालों से इस मशीन की मांग होती है तो निश्चित तौर पर स्कूल के बच्चे अपने प्रोफेसर के साथ मिलकर ऐसी और मशीनों को बनाने का काम करेंगे।

प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि यह छात्राएं अभी इस मशीन को और अधिक मॉडिफाई करने में लगी हुई हैं जल्द ही ऐसी मशीन बन जाएगी जो पूरे शरीर के साथ ही हाथ में पकड़े हुए मोबाइल, जेब में रखी हुई पर्स, हाथ में पहनी हुई घड़ी, अंगूठियां व गले में पड़ी हुई किसी भी धातु की चैन को भी पूरी तरह से सैनिटाइज कर देगी, जिससे कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। भारत सहित पुरे विश्व के वैज्ञानिक बढ़ती कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन को बनाने में दिन रात लगे हुए हैंं परंतु अभी तक यह कार्य पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ऐसी सैनिटाइजर मशीनों की अहम भूमिका हो सकती है। अगर इन्हें हर निजी और सरकारी कार्यालयों सहित हर बड़ा व्यापारी लगाकर लोगों को सैनिटाइज करें तो संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

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