जहरीली गैस से मौजूद लोगों का घुटा दम, मंडलीय अस्पताल में भर्ती
वाराणसी : भेलूपुर स्थित जलकल विभाग के पम्प हाउस में रखे सिलिंडर से क्लोरीन गैस के रिसाव से आठ लोगों की हालत बिगड़ गई। शाम सवा सात बजे हुए इस हादसे में चार लोग बेहोश हो गए। उन्हें फौरन कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में भर्ती किया गया। गैस रिसाव से लोगों का दम घुटने लगा और गले में जलन की शिकायत शुरू हो गई। इसके बाद इलाके में भगदड़ मच गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गैस से बेहोश हुए चार लोगों को मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया और इलाके को खाली कराने के साथ ही फायर ब्रिगेड को बुलाकर पानी की बौछार से गैस के प्रभाव को कम करने की कोशिश शुरू कर दी।
घटना के बारे में बताया जाता है कि शाम 7.30 बजे जलकल के पम्प हाउस में रखे क्लोरीन का सिलिंडर लीक होने की जानकारी वहां क्लोरिनेशन में लगे कर्मियों को हुई तो उन्होंने इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को दी। अभी कर्मचारी कुछ समझ पाते तब तक वहां की हवा प्रदूषित हो गई और आठ लोग चपेट में आ गए। कुछ की तबियत ज्यादा बिगड़ गई। जलकल पम्प हाउस के सामने मौजूद घरों में रह रहे भरत सोनकर, लक्ष्मण सोनकर, नारायन सोनकर व कैलाश प्रसन्ना बेहोश होकर गिर पड़े। वहां मौजूद पम्प अधीक्षक ने अपने अधिकारियों व पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गश खाकर गिरे चार लोगों को एम्बुलेंस से मंडलीय अस्पताल भेजा। बाद में फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंच गई और हालात सामान्य करने के लिए पानी की बौछार पम्प हाउस से लेकर स्टोर और पूरे इलाके में मारते हुए रेसक्यू शुरू कर दी। नगर आयुक्त गौरांग राठी के मुताबिक, इस हादसे में कोई बेहोश नहीं हुआ है। जबकि चार लोगों को मंडलीय अस्पताल में भर्ती किया गया है। उधर, जीएम जलकल नीरज गौड़ की मानें तो 25 किलोग्राम के क्लोरीन सिलेंडर में रिसाव हुआ है। फायर बिग्रेड की छह गाड़ियों ने क्लोरीन पर पानी का छिड़काव कर उसके प्रभाव को कम किया।
भेलूपुर स्थित जलकल की पानी टंकी के पास क्लोरीन गैस रिसाव का असर आसपास के इलाके तक भी पहुंच गई। भेलूपुर के अलावा उससे सटे खोजवां, किरहियां, कबीरनगर के लोग भी उल्टी करने लगे। पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए मेगा फोन से सभी इलाकों में एनाउंस करवाई और लोगों को अपने-अपने घरों में रहने की अपील की। गैस रिसाव के इस वाक्ये के बाद वहां डेढ़ घंटा तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। करीब 50 लोगों को उल्टी के साथ गले व आंख में जलन, खांसी, सिरदर्द की दिक्कत हुई। गैस के प्रभाव को कम करने के लिए पम्प हाउस में एक घंटे तक पानी का बौछार मारी गई।