सत्ता बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने किया संविधान का दुरुपयोग : दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष ने शेयर किया आपातकाल का अनुभव

लखनऊ : यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आपातकाल के 45वें वर्ष की पूर्व संध्या पर कहा कि यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाॅंधी द्वारा अपनी सत्ता को बचाये रखने के लिए संविधान का दुरूपयोग किया गया था। इंदिरा गांधी को यह प्रेरणा हिटलर द्वारा 1933 में जर्मनी में लगायी गई इमरजेंसी से प्राप्त हुई थी। भारत में लगाये गये आपातकाल के समय विचार स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया था। प्रेस के साथ उत्पीड़न हुआ था। समूचे देश में पुलिस राज था। हजारों लोग जेल में डाल दिये गये। पुलिस ने बहुत लोगों का अंग-भंग कर दिया। तानाशाही का नंगा नाच लगभग पौने दो साल रहा।

श्री दीक्षित ने अपने रोचक अनुभव साझा करते हुये कहा कि वह पूरे आपातकाल उन्नाव जेल में रहे। उन्होंने अपना अनुभव सुनाते हुये कहा कि इसी अवधि में लोकसभा के चुनाव हुए। चुनाव नतीजे आकाशवाणी पर सुनने के लिए उनके पास एक छोटा ट्रांजिस्टर था। रात के 03 बजे जेलर आया उसने उन्हें बहुत डांटा, अपशब्द कहे। 5:30 बजे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस्तीफा दिया। 6:30 बजे जेलर फिर आया उसने कहा कि सबको बधाई हो। आपकी सरकार बनने जा रही है। मैं 10:30 घण्टे के भीतर ही अबे से मान्यवर हो गया था। उन्होंने आपातकाल का पूरा नंगा नाच देखा। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है। संविधान की अवमानना हुई थी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com