संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) कार्यकाल में हुए 1.86 लाख करोड़ के चर्चित कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा व अन्य दोषियों की सजा बढ़ाने के लिए सीबीआइ ने हाई कोर्ट में अपील की है। सीबीआइ की तरफ से हाईकोर्ट में कहा गया कि दोषियों को पिछले साल दिसंबर में निचली अदालत से तीन वर्षों के कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन ऊपरी अदालत ने रोक लगा दी थी।
इसके अलावा हाईकोर्ट में निचली अदालत से बरी हुए आरोपितों के खिलाफ भी अपील की गई है। सीबीआइ ने दोनों अपील अलग-अलग कोर्ट में दाखिल की है। इसके चलते न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता व न्यायमूर्ति आरके गौबा इस मसले को मुख्य न्यायमूर्ति के समक्ष रखेंगे, ताकि इसे संबंधित अदालत को सुनवाई करने के लिए भेजा जा सके। इस मसले पर अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
बता दें कि झारखंड के राजहरा उत्तरी कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट ने मधु कोड़ा, पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, विनी आयरन एंड स्टील उद्योग (वीआइएसयूएल) कंपनी के निदेशक विजय जोशी को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी।
कोर्ट ने कंपनी समेत चारों को 120 बी (आपराधिक साजिश), प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 (1) व (2) में दोषी करार देते हुए अपना फैसला दिया था। कोड़ा व जोशी पर 25-25 लाख और गुप्ता व बसु पर 1-1 लाख और कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
ये आरोपित हो गए थे बरी
पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले में वीआइएसयूएल के एक अन्य निदेशक वैभव तुल्सयान, लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्या व बिपिन बिहारी सिंह और चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन कुमार तुल्सयान को बरी कर दिया था।