शिक्षा विभाग ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार के दलदल में: आराधना मिश्रा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने योगी आदित्यनाथ की सरकार में शिक्षा विभाग में चल रहे ताबड़तोड़ घोटालों पर प्रेसवार्ता आयोजित की। प्रेसवार्ता को उत्तर प्रदेश विधायक दल नेता आराधना मिश्रा मोना और प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने संबोधित किया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में प्रतियोगी छात्र छात्राओं के साथ बहुत नाइंसाफी हुई है। इस भर्ती प्रक्रिया में सत्ताधारी दल के लोग शामिल हैं। तमाम संचार माध्यमों से योगी आदित्यनाथ की करतूत सामने आ गयी है।
आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सत्ता संरक्षण में पूरा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा हुआ है। एक तरफ अभी 69 हज़ार भर्ती में घोटाला सामने आया है और अब शिक्षा विभाग में फ़र्ज़ी शिक्षक वेतन महाघोटाला सामने आ गया है। यह सैकड़ों करोड़ का घोटाला है। आज श्रावस्ती में 6 फ़र्ज़ी शिक्षक सामने आये हैं जो वेतन ले रहे थे। 12 ललितपुर में फर्ज़ी उर्दू शिक्षकों का नाम आया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले अनामिका शुक्ला का मामला सामने आया था कि एक नाम पर कैसे दो दर्जन से अधिक जगह से वेतन लिया जा रहा हैं। 9 जून को अनामिका शुक्ला का मामला बेनकाब हो गया। अनामिका शुक्ला का दावा है कि वे कभी नौकरी ही नहीं कीं हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में डकैतों का गिरोह चल रहा है और इस गिरोह को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मांग किया कि इस महा घोटाले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के जज के निगरानी में कराई जाए।
कांग्रेस लड़ेगी 69 हज़ार फ़र्ज़ी शिक्षक भर्ती घोटालेे की लड़ाई : वीरेंद्र चौधरी
उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग में चल रही खुली लूट और डैकती ने साधारण सी एक महिला को शिकार बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार इस मामले पर आवाज़ बुलंद कर रहीं हैं। इस महा घोटाले का शिकार हुई गोंडा की अनामिका शुक्ला से योगी आदित्यनाथ सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 69 हज़ार शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ हर लड़ाई लड़ने को तैयार है। पूरे पार्टी इंसाफ की यह लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में शिक्षक भर्ती घोटाले के कई नाम सामने आए हैं लेकिन वे अभी भी पुलिस के पकड़ से बाहर हैं। आखिर पर्दे के पीछे कौन है?