प्रदेश के कई जिलों में हैं एफआईआर, कासगंज विभाग को त्यागपत्र देने पहुंची थी
कासगंज : किसी शिक्षिका की उत्तर प्रदेश में 25 जनपदों के विद्यालयों में तैनाती हो तो क्या इसका विश्वास किया जा सकता है, नहीं! लेकिन ऐसा वास्तव में हुआ है। इस तरह का एक मामला सुर्ख़ियों में आया है जिसमें एक ही नाम की जालसाज शिक्षिका ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 25 विद्यालयों में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। यही नहीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस जालसाज शिक्षिका ने सरकार से तनख्वाह के रूप में करोड़ों रुपये भी वसूल लिए है। जनपद फर्रुखाबाद की मूल निवासी अनामिका शुक्ला उर्फ अनामिका सिंह नाम की शिक्षिका का ऐसा एक मामले का जनपद कासगंज में खुलासा हुआ है। यहां की भी बीएसए अंजली अग्रवाल ने सोरों कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को दी तहरीर में अपने ही विभाग की कस्तूरबा बालिका विद्यालय में तैनात शिक्षिका अनामिका शुक्ला उर्फ अनामिका सिंह पुत्री सुभाष चंद्र शुक्ला के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया है।
बीएसए अंजलि अग्रवाल के मुताबिक अनामिका शुक्ला बीते डेढ़ वर्ष से कासगंज के विकासखंड क्षेत्र के फरीदपुर गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पूर्णकालिक विज्ञान वर्ग की शिक्षिका के रूप में तैनात है। वह लगातार अपनी सेवाएं देती रही, लेकिन अनामिका शुक्ला की अन्य 25 जनपदों में भी तैनाती प्रकाश में आई। इस मामले को सबसे पहले जनपद बागपत के शिक्षा विभाग ने खुलासा किया। इसके बाद प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने भी मामले को संज्ञान लिया। जनपद बागपत में एफआइआर दर्ज होने के बाद कासगंज शिक्षा विभाग में भी अनामिका शुक्ला उर्फ अनामिका सिंह को लेकर हड़कंप मच गया। बीते कई दिनों से जनपद प्रशासन की पैनी नजर से लगातार बचने का प्रयास कर रही जालसाज अनामिका शुक्ला शनिवार की दोपहर नाटकीय घटनाक्रम के मुताबिक बीएसए कार्यालय पहुंची। यहां उसने अपना इस्तीफा देने की पेशकश की, इसी दौरान उसकी जालसाजी को लेकर बीएसए अंजलि अग्रवाल ने मौके पर पुलिस बुलाकर उसे गिरफ्तार करा दिया।
सोरों कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रिपुदमन सिंह ने महिला पुलिस भेजकर अनामिका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया एवं उस पर लगाए गए विभिन्न आरोपों की उससे पूछताछ जारी की। क्षेत्राधिकारी सदर आर के तिवारी मौके पर पहुंचे और लगभग 2 घंटे तक चली पूछताछ के बाद अनामिका शुक्ला के बयान दर्ज कराए गए। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी आरके तिवारी का कहना है कि यह एक गिरोह संचालित है। जिसका खुलासा जांच पड़ताल में किया जाएगा। फिलहाल इस गिरोह की सबसे बड़ी मास्टरमाइंड को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। धीरे-धीरे जांच पड़ताल में अन्य जो लोग भी इस मामले में संलिप्त पाए जाएंगे उनको भी हिरासत में लिया जाएगा।