ऊर्जा मंत्री बोले, सपा सरकार में महज 16,500 मेगावाट थी क्षमता
तीन साल में योगी सरकार ने बनाये 92 नए ट्रांसमिशन उपकेंद्र
लखनऊ : प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने गुरुवार को शक्ति भवन में ट्रांसमिशन कारपोरेशन की समीक्षा की। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरकार सबको पर्याप्त व निर्बाध बिजली पहुंचाने के लिए संकल्पबद्ध है। जहां पूर्ववर्ती सरकारों ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जिससे बिजली की उपलब्धता होने के बाद भी आपूर्ति व्यवस्था खराब थी। वहीं हमारी सरकार ने पारेषण तंत्र में जरूरी सुधारों पर प्राथमिकता से काम किया। जिसकी वजह से आज 24500 मेगावाट की पीक डिमांड को भी पूरा किया जा सकता है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सपा सरकार के समय ग्रिड की पारेषण क्षमता 16,500 मेगावाट थी। सरकार के गठन के बाद से ही हमने इस दिशा में काम किया और पिछले वर्ष 21 हजार से भी ज्यादा की पीक डिमांड को भी पूरा किया। इस वर्ष यह क्षमता बढ़कर 24500 मेगावाट की गई है। जो इस वर्ष की संभावित 22000 मेगावाट की पीक डिमांड को पूरा करने में सहायक साबित होगी।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि आयात क्षमता को भी 8700 मेगावाट से बढ़ाकर 13400 मेगावाट की जा चुकी है। पावर फॉर आल समझौते के तहत सबतक निर्बाध आपूर्ति के लिए 92 नए पारेषण उपकेंद्र व उनकी लाइनों का निर्माण किया जा चुका है। इसमें 765 केवीए का 1, 400 केवीए के 9, 220 केवीए के 29 व 132 केवीए के 53 उपकेंद्र शामिल हैं। इनपर कुल 8848.47 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं। आगामी गर्मियों को देखते हुए 20 निर्माणाधीन पारेषण उपकेंद्रों व अन्य आवश्यक लंबित कार्यों को मार्च से पहले पूरा कर लेने के निर्देश एमडी ट्रांसमिशन को दिये। राज्य सरकार द्वारा घाटमपुर, ओबरा सी, जवाहरपुर तापीय परियोजना से ऊर्जा निकासी के लिए लाइनों का निर्माण पीपीपी मोड पर टैरिफ आधारित कंप्टिटिव बिडिंग के जरिये किया गया। जिसमें 6101.14 करोड़ का निवेश हो रहा है। वोल्टेज सुधार एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत प्रणाली में लगातार कैपेसिटर बैंक स्थापित किये जा रहे हैं। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 तक कुल 2340 एमवीएआर कैपेसिटर बैंक की स्थापना की गयी एवं मार्च 2020 तक 990 एमवीएआर कैपेसिटर बैंक लगा दिए जाएंगे। जिससे गर्मियों में निर्बाध बिजली मिलेगी।