स्थायी राजधानी से कम विपक्ष को मंजूर नहीं
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) : गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा करके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भले ही बुधवार को विधानसभा सदन में तालियां बटोरीं लेकिन इससे यह मुद्दा शांत नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सत्ता पक्ष के दूसरे नेता जहां इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना रहे हैं वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल पूरी तरह से हमलावर है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर प्रदेश के जो आंदोलनकारी शहीद हुए, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की यह घोषणा उन सभी शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने पिछले चुनावी दृष्टिपत्र में गैरसैंण को लेकर जो वादा किया था, ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में इसकी घोषणा करके पार्टी ने वह कर दिखाया है। भाजपा जो कहती है वह करती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि अब गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए जो भी आधारभूत संरचना चाहिए, उसका अध्ययन किया जाएगा। प्रत्येक स्तर पर वह सबकुछ जुटाया जाएगा, जो एक राजधानी के लिए जरूरी होता है। हालांकि गैरसैंण को जिला बनाए जाने के सवाल को वह मीडिया के सामने टाल गए और उन्होंने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा दे दिया गया है तो अब यह सवाल गौण हो गया है।
उधर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की जिस तरह से सिर्फ घोषणा की गई, उसे लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पूरी तरह से हमलावर है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि गैरसैंण में राजधानी बनाने की दिशा में कांग्रेस ने ही बुनियादी काम शुरू किया था। विधानसभा में नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह जैसे शीर्ष नेताओं ने सरकार इस घोषणा को महज कोरी घोषणा करार दिया है। उनका कहना है कि जब सतपाल महाराज कांग्रेस में हुआ करते थे और विजय बहुगुणा (कांग्रेस में रहने के दौरान) राज्य के मुख्यमंत्री थे तो उस दौर में पहली कैबिनेट बैठक कांग्रेस ने गैरसैंण में आयोजित की थी। इनका कहना है कि जिस विधानसभा में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की है, इस इमारत की बुनियाद भी कांग्रेस पार्टी के कार्यकाल में रखी गई थी।
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेताओं की गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बुनियादी मांग थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में इसे घोषित करने से यूकेडी के नेता नाखुश हैं। यूकेडी के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर भट्ट और दूसरे नेता अब भी अपनी पुरानी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने से कम पर उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की इस घोषणा के बाद राजनीतिक दलों ने जिस तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं, उससे इस मुद्दे के एक बार फिर से तूल पकड़ने की संभावना बढ़ गई है।