लखनऊ : उत्तर प्रदेश की नगरीय निकायों द्वारा पिछले छह माह में 652.42 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त की गई। इस दौरान प्रतिबंधित प्लास्टिक बेचने और उपयोग करने वालों के विरुद्ध 7 करोड़ 40 लाख रुपये का जुर्माना भी अधिरोपित किया गया। यह जानकारी प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने बुधवार को एक लिखित सवाल के जवाब में विधानसभा को दी। सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने इस संबंध में नगर विकास मंत्री से सवाल किया था। उनका कहना था कि प्रदेश में पॉलीथीन का उपयोग प्रतिबंधित होने के बावजूद उसका प्रयोग छोटे दुकानदारों तथा पॉलीथीन का निर्माण करने वाली इकाइयों द्वारा किया जा रहा है। विधायक ने मंत्री से इस मामले में सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई केे ब्यौरे को सदन के पटल पर रखने का अनुरोध किया था।
इस सवाल के जवाब में नगर विकास मंत्री ने सदन को बताया कि प्रदेश में 50 माइक्रोन से कम घनत्व के प्लास्टिक कैरी बैगों और 50 अथवा उससे अधिक माइक्रोन के घनत्व के निस्तारण योग्य प्लास्टिक कैरी बैगों, प्लास्टिक या थर्मोकोल से निर्मित एक बार उपयोग के पश्चात निस्तारण योग्य वस्तुओं का विनिर्माण, विक्रय, वितरण, भण्डारण, परिवहन, आयात या निर्यात समस्त नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम या राज्य की औद्योगिक नगरी में आने वाले क्षेत्रों में प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने इस प्रतिबंध की अधिसूचना वर्ष 2018 में 15 जुलाई को जारी किया था। इसके बाद इसके अनुपालन में नगरीय निकायों ने 652.42 टन प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त की। साथ ही 7.40 करोड़ रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया।