अमेरिका की टेक कंपनी Apple पर 27 मिलियन डॉलर यानी करीब 200 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी पर आरोप है कि इसने पुराने iPhones को जानबूझकर स्लो किया है। Apple पर यह जुर्माना फ्रांस की एक जांच एजेंसी ने लगाया है। एजेंसी का कहना है कि iPhones को स्लो करने से पहले यूजर्स को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। वर्ष 2017 में Apple ने कहा था कि उसने कुछ iPhones को स्लो किया है जिसके उनकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाया जा सके। इसमें iPhone 6, iPhone 7 और iPhone SE मॉडल शामिल थे।
Apple Insider की एक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी इस फाइन को चुकाने के लिए तैयार है। इसके साथ ही कंपनी को मामले की पूरी जानकारी यूजर्स को देनी होगी जिसके लिए उसे अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर एक महीने तक प्रेस रिलीज को लगाना होगा। पुराने iPhones को स्लो करने की जांच को 2018 में शुरू किया गया था। यह मामला 2017 के आखिरी में सामने आया था जब एक यूजर ने iOS अपडेट के बाद से iPhone धीरे चलने की शिकायत की थी।
जब जांच शुरू हुई थी तब कंपनी ने यह माना था कि इस फीचर को iOS 10.2.1 और iOS 11.2 में पेश किया गया था। इसकी वजह से ही iPhones को अचानकर ऑफ होने से बचाया जा सका था। यह परेशानी यूजर्स को iPhone की बैटरी पुरानी होने के चलते झेलनी पड़ी थी। इस सब में Apple की गलती यह रही कि उसने यूजर्स से कभी इस बारे में बात नहीं की। वहीं, जिन यूजर्स को ये लगा था कि उनका फोन स्लो होने की वजह से उन्हें अब नया iPhone लेना होगा, वो ये नहीं जानते थे कि वो अपने पुराने iPhone की बैटरी चेंज कर भी इस समस्या से निजात पा सकते थे। इसके अलावा कंपनी ने यूजर्स को पुराने iOS को फिर से इंस्टॉल करने का कोई विकल्प भी यूजर्स को उपलब्ध नहीं कराया था।
इसके अलावा दुनियाभर के लोगों ने इस बात को लेकर शिकायत और केस भी किए थे। इसके चलते ही कंपनी ने यूजर्स को फ्री बैटरी रिप्लेसमेंट भी ऑफर किया था। वर्ष 2018 में इटली की एक एजेंसी ने भी Apple और Samsung पर 5.7 मिलियन डॉलर का फाइन लगाया था। इसकी वजह भी पुराने स्मार्टफोन्स को स्लो करना ही था।