वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प महाभियोग के कलंक से दोषमुक्त हो गए। बुधवार को रिपब्लिकन बहुल 100 सदस्यीय सीनेट में पार्टी लाइन पर ट्रम्प के विरुद्ध दोनों आरोप साबित नहीं हुए और चार माह तक चले महाभियोग का पटाक्षेप हो गया। सदन की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश जान राबर्ट ने की। अमेरिकी इतिहास में डोनाल्ड ट्रम्प ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिनके विरुद्ध महाभियोग को लेकर देश में पार्टी लाइन पर वैमनस्य चरम सीमा पर बढ़ा। वह भी उस समय जब राष्ट्रपति चुनाव -2020 साल के अंत में 3 नवम्बर को होना है। जानकारों का मत है, इसका ट्रम्प को चुनाव में लाभ मिल सकता है।
डेमोक्रेट बहुल प्रतिनिधि सभा में बहुमत से पारित महाभियोग के पहले सत्ता के दुरुपयोग में डेमोक्रेटिक पार्टी के सभी 47 सीनेटर के साथ रिपब्लिकन मिट रोमनी ने साथ दिया और 48 मतों के साथ दो तिहाई मत अर्थात 67 मत से काफी दूर रहे। रिपब्लिकन को 52 मत मिले। मिट रोमनी ने यह कहते हुए उनके खिलाफ मत दिया कि ट्रम्प ने जनभावनाओं का निरादर किया है। रोमनी पहले सीनेटर हैं, जिन्होंने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रपति को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। कांग्रेस के कामकाज में हस्तक्षेप को लेकर दूसरे आरोप में भी वही हश्र हुआ, और मिट रोमनी ने भी वापस पार्टी लाइन पर मत देते हुए डेमोक्रेट की सभी आशाओं पर पानी फेर दिया। इस तरह एक भी रिपब्लिकन सीनेटर ने अपने राष्ट्रपति को कसूरवार मानने से इंकार कर दिया।
ट्रम्प ने दो दिन पहले डेस मोईंस (आयोवा) में जन समुदाय को से कहा था कि डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से महाभियोग एक छलावा मात्र है। इसका असर स्टेट ऑफ यूनियन एड्रेस में भी दिखा। ट्रम्प ने यहां डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया और नैंसी ने राष्ट्रपति की लिखित स्पीच को फाड़ दिया। डेमोक्रेट ने कहा है कि ट्रम्प को दोषमुक्त किया जाना उन्हें दोबारा सत्ता के दुरुपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।