जिलाधिकारी के मुताबिक 1239 हेक्टेयर जमीन का बिना किसी प्रतिरोध के छह महीने में ही अधिग्रहण कर लिया गया। 06 अगस्त 2019 को पहले चरण की जमीन अधिग्रहण की गई थी जो जनवरी तक पूरा हो गया। सभी किसानों को मुआवजा भी सही समय पर प्रदान कर दिया गया था। तीन हजार करोड़ से अधिक धनराशि किसानों के खातों में हस्तांतरित जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 8971 परिवार प्रभावित हुए, जिसको मुआवजे के रूप में तीन हजार करोड़ रुपये की धन राशि दी गई। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि अप्रैल माह से मुआवजा वितरण का कार्य शुरू हुआ था। जिसके बाद ऐसी व्यवस्था बनाई गई जिसमें किसानों के जमीन अधिग्रहण की सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के दो दिन के बाद उनके खाते में पैसा हस्तांतरित कर दिया जाए।
देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का रास्ता साफ, जल्द शुरू होगी उड़ान
नोएडा : गौतमुद्धनगर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने का रास्ता अब साफ हो गया है। जल्द ही जेवर से देश विदेश के लिए उड़ानें शुरू हो सकती हैं। पिछले हफ्ते प्रशासन ने जेवर के छह गांवों के किसानों से कुल 1239 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करके यमुना प्राधिकरण (यीडा) को सौंप दी। जेवर इंटरनेशनल एयपोर्ट के लिए कुल 1334 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता प्रशासन को थी, जिसमें से 1239 हेक्टेयर जमीन रनहेरा, वनवरिवास, दयनतपुर, रोही और किशोरपुर के किसानों से अधिग्रहण किया जाना था। गौतमुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने सोमवार को बताया कि जेवर एयरपोर्ट दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (आईजीआई) से भी विस्तृत होगा। आईजीआई का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर में फैला है तो जेवर एयरपोर्ट 5000 हेक्टेयर में फैला होगा। जेवर एयरपोर्ट बनने के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को दिल्ली के आईजीआई से यात्रा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और आईजीआई पर लोड भी कम पड़ेगा।