लखनऊ : नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर प्रदेश में हुई हिंसा मामले में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। इसके बाद पुलिस ने सगठन के सदस्यों की धड़पकड़ करते हुए उनके खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राज्य में हिंसा भड़काने के आरोप में पीएफआई के 108 लोगों को पिछले चार दिनों के अंदर गिरफ्तार किया गया है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पहले भी पीएफआई के 25 पदाधिकारी और सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं। अवनीश अवस्थी ने बताया कि अभी शुरूआती कार्रवाई है। वित्तीय लेनदेन की सूचना सहित संगठन के बारे में और गहन जानकारी जुटाने के लिए हम लगे हुए हैं। इसमें केन्द्रीय एजेंसियों से भी मदद ली जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि आरोपितों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए। इन 108 गिरफ्तारियों में लखनऊ से 14, मेरठ से 21, वाराणसी से 20, बहराइच से 16, गाजियाबाद से 9, शामली से 07, मुजफ्फरनगर से 06, कानपुर से 05, बिजनौर से 04, सीतापुर से 03 और गोंडा, हापुड़ और जौनपुर से 01-01 सदस्य को पकड़ा गया है।