भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने महेंद्र सिंह धौनी पर बिना टीम के खिलाड़ियों को समर्थन में लिए फैसला करने का आरोप लगाया है। सहवाग ने कहा की जब उनको टीम से बाहर बिठाया गया तो रोटोशन पॉलिसी का हवाला दिया गया जबकि ऐसा नहीं था। वीरू ने कहा कि धौनी टीम मीटिंग में कभी भी उन बातों का जिक्र नहीं करते थे जो मीडिया से जाकर बोल दिया करते थे।
पूर्व ओपनर ने इंग्लिश क्रिकेट वेबसाइट Cricbuzz पर एक शो विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी में फर्क बताते हुए कहा कि रोहित अपने टीम के खिलाड़ियों से सभी बातें करते हैं। कोहली ऐसा करते है या नहीं इसको लेकर उन्होंने शक जताया। महेंद्र सिंह धौनी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे उनके वक्त बातें मीडिया से खिलाड़ियों के पता चलती थी उम्मीद है ऐसा कोहली की कप्तानी में नहीं होता होगा।
“जब महेंद्र सिंह धौनी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा कि तीन टॉप खिलाड़ी धीमे फील्डर्स हैं, हमें कभी ना तो बताया और ना ही हमसे कोई संपर्क किया गया। हमें तो मीडिया से पता चला था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा लेकिन टीम मीटिंग में नहीं कहा की हम स्लो फील्डर्स हैं।”
सहवाग ने कहा कि पूर्व कप्तान ने साल 2012 में उनको सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर को टॉप ऑर्डर में रोटेशन के तहत खिलाया था और कहा था कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ये तीनों स्लो फील्डर्स हैं।
सहवाग ने कहा, “टीम मीटिंग में उन्होंने कहा था हमें रोहित शर्मा को खिलाने की जरूरत है क्यों कि वो नए हैं और यह सब रोटेशन पॉलिसी के तहत होगा। अगर वैसा ही कुछ अब हो रहा है तो यह बहुत ही गलत है।”