लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने गढ़ को बचाने के साथ ही दायरा बढ़ाने के प्रयास में है। इसी क्रम में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपना संसदीय क्षेत्र या तो बदल सकती हैं या फिर चुनाव मैदान में नहीं भी उतर सकती हैं। उनके इस कदम के बाद से कांग्रेस रायबरेली के उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतार सकती है।
भारतीय जनता पार्टी के 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में बेहद गंभीर होने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार भाजपा के निशाने पर कांग्रेस के गढ़ अमेठी तथा रायबरेली भी हैं। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सांसद हैं तो उससे सटे जिले से उनकी मां तथा संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं।
भाजपा ने रायबरेली को लेकर जोरदार तैयारी की है। इसी क्रम में वहां से विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह तथा उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तथा सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भाजपा में शामिल कराया गया था।
भारतीय जनता पार्टी की इस तूफानी तैयारी को देखते हुए कांग्रेस भी अब अप्रत्याशित कदम उठा सकती है। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को अब रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। कांग्रेस की आज दिल्ली में वर्किंग कमेटी की बैठक में इस विषय पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा से इस बाबत बातचीत के बाद ही रायबरेली सीट पर कोई फैसला होगा। आज सोनिया गांधी अस्वस्थ होने के कारण वर्किंग कमेटी की बैठक में भी शामिल नहीं हुई हैं।
राहुल गांधी ने कह दिया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वो नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार को केंद्र से हटाने के लिए किसी महिला प्रधानमंत्री कैंडिडेट का भी समर्थन कर सकते हैं। खबर है कि प्रियंका गांधी अगले साल सोनिया गांधी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। सवाल कि क्या ममता बनर्जी या मायावती के बदले प्रियंका गांधी भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की महिला पीएम कैंडिडेट हो सकती हैं। अब तक अमेठी और रायबरेली में मां और भाई के चुनावी प्रबंधन देख रहीं प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में एंट्री हो सकती है और वो रायबरेली सीट से लड़ सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो क्या राहुल गांधी की कांग्रेस से प्रियंका गांधी भी ‘महिला प्रधानमंत्री’ की दावेदार या उम्मीदवार हो सकती हैं। अगर कांग्रेस प्रियंका गांधी को घोषित या अघोषित तरीके से महिला प्रधानमंत्री कैंडिडेट के तौर पर रायबरेली से लड़ा दे तो चुनावी रंग और माहौल बदल सकता है। ये कांग्रेस में सबको पता है।