भारतीय मूल के अरविंद कृष्णा को इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (आईबीएम) का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। कृष्णा लंबे समय से सीईओ रही वर्जिनिया रोमेट्टी की जगह लेंगे।
62 साल की रोमेट्टी इस साल के अंत तक कार्यकारी अध्यक्ष बनी रहेंगी और कंपनी में 40 साल तक काम करने के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगी। यह जानकारी आईबीएम ने एक बयान में दी है।
कृष्णा छह अप्रैल को आईबीएम के सीईओ का कार्यभार संभालेंगे। 57 साल के कृष्णा इस समय आईबीएम के क्लाउड एंड कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। जहां वह आईबीएम बिजनेस यूनिट का नेतृत्व करते हैं जो क्लाउड और डाटा प्रदान करता है जिसपर की आईबीएम के ग्राहक अपने भविष्य का निर्माण करते हैं।
उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों में आईबीएम क्लाउड, आईबीएम सिक्योरिटी और कॉग्निटिव एप्लीकेशन बिजनेस और आईबीएम रीसर्च शामिल है।
इससे पहले वह आईबीएम के सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप के डेवलेपमेंट एंड मैनुफैक्चरिंग ऑर्गेनाइजेशन के महाप्रबंधक थे। इससे भी पहले कृष्णा ने आईबीएम के लिए कई डाटा-संबंधित व्यवसायों का निर्माण और नेतृत्व किया है।
अरविंद कृष्णा के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से स्नातक की डिग्री है। वहीं उरबाना-चैंपेन (Urbana-Champaign) में इलिनोइस विश्वविद्यालय से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। कृष्णा 1990 में आईबीएम से जुड़े थे। वर्तमान सीईओ रोमेटी ने बयान में कहा, ‘अरविंद आईबीएम में अगले युग के लिए सही सीईओ हैं।’
रोमेटी ने कहा, ‘वह एक बेहतरीन टेक्नोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड, क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी हमारी अहम तकनीकों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वह एक शानदार ऑपरेशनल लीडर भी है, जो कल के व्यवसाय का निर्माण करते हुए आज जीतने में सक्षम हैं। अरविंद ने आईबीएम के क्लाउड और कॉग्निटिव सॉफ्टवेयर व्यवसाय को विकसित किया है और कंपनी के इतिहास में सबसे बड़े अधिग्रहण का नेतृत्व किया है।’